मुख्यमंत्रीजी, आंदोलन अध्यापकों का शौक नहीं, मजबूरी है

आदरणीय मुख्यमंत्री जी
सादर वंदे
अध्यापक अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे तब आपने अपील की थी की आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत के माध्यम से समस्या का हल निकलेगा। बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। अध्यापक बातचीत करें। माननीय हमनें आपकी भावना को शिरोधार्य करते हुए आंदोलन को स्थगित कर दिया।

प्रदेश के 04 लाख अध्यापक अब आपसे अपील करते हैं की माननीय हमारे सयुंक्त मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल से आप बातचीत करें। एवम् हमारी वर्षों पुरानी मांग शिक्षा विभाग में सविलियन एवम् सामान कार्य का सामान वेतन का सकात्मक समाधान करें।

हम यहाँ यह स्पष्ट करना चाहते हैं की आंदोलन करना हमारा शौक नहीं है। हमारी मज़बूरी है जब बार बार आवेदन एवम् निवेदन से काम नहीं चलता है कोई हल नहीं निकलता है तब मज़बूरी वश हमें आंदोलन करना पड़ता है।

माननीय हमारी मांगों का एक मुस्त समाधान कर दिया जावे तो हम आंदोलन क्यों करेगें।
हम पुनः आपसे निवेदन करते है की आप हमारे प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करें एवम् बातचीत से समस्या का समाधान करें

अशोक कुमार देवराले
प्रांतीय उपाध्यक
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन
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