ललित मुदगल/शिवपुरी। किसानों का दर्द बांटने शिवपुरी आईं प्रभारी मंत्री कुसुम मेंहदेले ने सूखे को छोटी बात बताया है। उन्होंने कहा कि इन छोटी मोटी बातों पर कोई आत्महत्या नहीं करता। ये वही मंत्री महोदया हैं जिन्होंने कैलाश सत्यार्थी को मिले नोबेल पुरुस्कार के लिए कैलाश विजयवर्गीय को बधाईयां दे डालीं थीं।
वो मीडिया से नाराज थीं, कि मीडिया कभी उनकी तारीफ नहीं करता। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुश्री महदेले रविवार देर रात शिवपुरी पहुंचीं। जहां उनका स्थानीय भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। सोमवार सुबह सर्किट हाउस पर मीडिया से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि न ही शिवपुरी में और न ही प्रदेश के किसी अन्य स्थान पर किसान ने आत्महत्या की है।
उन्होंने कहा कि आत्महत्या क्रांतिकारी कदम नहीं, बल्कि कायरता का कदम है। हमारे देश का किसान बहादुर, साहसी और धैर्यवान है, वह सूखे जैसी छोटी बात पर आत्महत्या नहीं करता।
एक बार फिर अपनी बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है और यदि की भी है तो वह पारिवारिक कारणों के चलते अथवा उनकी स्वाभाविक मौत हुई है।
एक सवाल के जवाब में वह बोलीं कि धैर्य कभी जवाब नहीं देता, धैर्य धैर्य होता है। उन्होंने किसानों की पीडि़त होने की बात अवश्य यह कहते हुए स्वीकारी कि किसान पीडि़त अवश्य है, लेकिन कमजोर नहीं। उन्होंने कहा कि पीड़ा उत्प्रेरक का काम करती है।