नई दिल्ली। आपका भी कॉल ड्रॉप होता है मतलब फोन पर बात करते हुए फोन अचानक अपने आप कट जाता है। जो लोग इस परेशानी का शिकार है उनके लिए खुशखबरी आई है। ऐसा नहीं है कि अब कॉल ड्रॉप नहीं होगा लेकिन कॉल ड्रॉप के एवज में जो होगा वो आपको थोड़ी राहत जरूर देगा।
कॉल ड्रॉप क्या होता है
जब बातबीच में ही संपर्क टूट जाता है तो बात अधूरी रह जाती है लेकिन जनता के इस दर्द को दूर करने के लिए टेलीकॉम रेग्युलेटरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि ट्राई ने कॉल ड्रॉप के बदले लोगों को टेलीकॉम कंपनियों से जुर्माना दिलवाने का इंतजाम कर दिया है।
मतलब ये है कि आपने फोन लगाया लेकिन आपके फोन काटने से पहले ही कॉल अपने आप कट जाता है तो एक कॉल कटने के बदले आपको एक रुपया मिलेगा। हालांकि इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा क्योंकि कॉल कटी तो जेब भरी ये नई व्यवस्था 1 जनवरी 2016 से लागू होगी।
नई व्यवस्था में और क्या होगा वो भी समझ लीजिए
फोन कटने पर आपको टेलीकॉम कंपनी की तरफ से एक रुपए का जुर्माना जरूर मिलेगा लेकिन एक दिन में ज्यादा से ज्यादा 3 बार। मतलब चौथी बार अगर फोन बीच में ही कटा तो कुछ नहीं मिलेगा। यानी एक दिन में 3 रुपए और महीने का अधिकतम 90 रुपए।
तय कौन करेगा कि फोन कटा या काटा
टेलीकॉम कंपनियां यानि आईडिया, वोडाफोन, एयरटेल जैसी दूसरी कंपनियां ये ही तय करेंगी की आपका कॉल ड्रॉप हुआ है या नहीं। टेलिकॉम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की कंपनियों के पास ऐसा सिस्टम मौजूद है जिससे ये पता चल जाता है की कब तकनीकी समस्या की वजह से कॉल ड्रॉप यानि फोन कट गया है।
फिलहाल, टेलीनॉर इकलौती ऐसी टेलिकॉम ऑपरेटर है जो पहले से ही कॉल ड्राप होने पर अपने ग्राहकों को हर्जाना दे रही है। कॉल ड्राप का सिस्टम लागू करने के लिए ही टेलीकॉम कंपनियों को दिसंबर तक का वक्त दिया गया है।
आपको कैसे पता चलेगा
नई व्यवस्था के मुताबिक प्रीपेड ग्राहकों को टेलीकॉम कंपनिया फोन कटने के 4 घंटे के भीतर एक एसएमएस यानि मोबाइल पर मैसेज भेजकर बताएंगी कि आपकी कॉल ड्रॉप हुई थी और अब आपके अकाउंट में पैसे भेज दिए गए हैं।
जबकि जो मोबाइल ग्राहक पोस्टपेड इस्तेमाल करते हैं उनके महीने के बिल में कॉल ड्रॉप का ब्योरा दिया जाएगा और जो भी आपका बिल होगा उससे कॉल ड्रॉप का जुर्माना घटा दिया जाएगा। मतलब अगर आपका एक महीने का फोन का बिल 500 रुपए और कॉल ड्रॉप का हर्जाना 50 रुपए हुआ तो आपको सिर्फ 450 रुपए का बिल भरना होगा।
ये सब तब हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी से लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली तक इस मुद्दे पर नाराजगी जता चुके हैं। जेटली ने तो वोडाफोन के सीईओ को फटकार लगाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि वो 1995 से पहले वाले दौर में पहुंच गए हैं। जब मोबाइल फोन थे ही नहीं।
