भेल/भोपाल। Bhopal Incinerators Limited के कर्मचारियों ने अपने अधिकारों की मांग के लिए आवाज उठाई तो प्रबंधन ने कर्मचारियों को बंधक ही बना डाला। बंधक बनाए गए कर्मचारियों की संख्या 32 बताई जा रही है। देरशाम तक प्रबंधन ने कर्मचारियों को मुक्त नहीं किया था। वो भूख प्यासे बंद थे।
मिली जानकारी के अनुसार भोपाल इंसीनिरेटर लिमिटेड के लगभग 32 कर्मचारी वेतन और सुविधाएं नहीं मिलने को लेकर बीते 15 दिन से हड़ताल पर थे। दो दिन पहले बोर्ड ऑफिस पर इन लोगों ने धरना दिया, जहां एसडीएम का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल खत्म कर दी थी।
भोपाल इंसीनिरेटर लिमिटेड कर्मचारी- श्रमिक संघ के महामंत्री मो. ताहिर खान ने बताया कि शुक्रवार की सुबह जब वे कारखाना पहुंचे, तो उनसे काम नहीं लिया गया और न ही कारखाने से बाहर जाने नहीं दिया। संघ के कोषाध्यक्ष राजेश रजक ने बताया कि सुबह 7 बजे से हम अंदर है। चाय- नाश्ता करने भी नहीं भेजा। एक तरह से हमें भंधक बना लिया गया। कारखाने में मौजूद पुलिस अमले से हमने कहा, तो उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
कर्मियों के बंधक बनाने की खबर पर मीडिया पहुंची, तो कारखाना प्रबंधक ने गेट में ताला लगा दिया। ताकि मीडिया अंदर न पहुंचे। गेट पर कर्मचारियों को भी मीडिया से बात करने से मना किया जा रहा था। इधर अशोका गार्डन थाना पुलिस को इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिसस्टाप मौके पर आ पहुंचा और लाइन आर्डर की व्यवस्था संभाली, लेकिन उद्योग के द्वार का ताला नहीं खोला गया।
नहीं उठाया मोबाइल
मीडिया ने उद्योग के चेयरमेन डॉ. आरके बिसारिया और डायरेक्टर डॉ. अनुप सिंह हजेला के मोबाइल पर कई बार संपर्क करना चाहा लेकिन दोनों के द्वारा मोबाइल फोन नहीं उठाया गया।
सूचना मिली थी कि भोपाल इंसीनिरेटर लि. उद्योग प्रबंधन द्वारा तालाबंदी कर श्रमिकों को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। तो मैंने मौके पर पुलिस स्टाफ भेज दिया। पुलिस का काम कि लाइन ऑर्डर की व्यवस्था बनाए रखना है, जिसका मैंने पालन कराया है।
मोहन सारवान, टीआई, अशोका गार्डन
