धार। एक आदिवासी युवक को जिंदा जला देने के मामले में हाईकोर्ट ने एसपी धार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया था।
घटना दिनांक 15 अगस्त को आदिवासी धार जिले की तहसील में 16 साल का मदिया अपनी साइकिल से कहीं जा रहा था। इस दौरन उसने मोबाइल पर तेज गाने चला रखे थे। इस पर हरिराम पाटीदार और सालिग्राम पाटीदार ने मदिया को रोककर उसे आवाज धीरे करने को कहा। जब मदिया ने बात नहीं मानी तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया।
जिसके बाद दोनों आरोपियों ने अपने एक और साथी के साथ मिलकर मदिया को जिंदा जला दिया। जलाने के बाद आरोपियों ने मदिया के शव को पेड़ से टांग दिया।
पुलिस ने दर्ज नहीं की रिपोर्ट
मदिया के साथ हुई इस घटना के बाद उसके बड़े भाई अबान और दादी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे लेकिन वहां से उन्हें शिकायत लिखे बिना ही लौटा दिया गया और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं ये बात इलाके में फैलने के बाद जनजाति युवकों ने आंदोलन शुरू कर दिया। जिससे दबाव बनने पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उन पर हत्या का मामला दर्ज करने की जगह, आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया।
कोर्ट में की अपील
पुलिस के इस रवैये को देखते हुए आखिरकार मदिया के भाई अबान ने कोर्ट की शरण ली। पीड़ित परिवार ने जागृत आदिवासी संगठन की मदद से कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने धार जिले के एसपी और मनावर पुलिस थाने के एसएचओ को समन जारी किया है। वहीं पीड़ित परिवार और गवाह को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिए हैं।