भोपाल। आॅनलाइन पेमेंट वॉलेट paytm.com के खिलाफ साइबर क्राइम भोपाल में दर्ज शिकायत का मामला अब Paytm vs Bhopal Police बन गया है। paytm.com के संचालक विजय शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में भोपाल पुलिस पर तंग करने का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट ने पुलिस को विजय शंकर शर्मा से दूरी बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
बुधवार को न्यायमूर्ति आलोक आराधे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता विजय शंकर शर्मा का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, शशांक शेखर व वरुण तन्खा ने रखा। उन्होंने दलील दी कि भोपाल में ऑनलाइन धोखाधड़ी की एक शिकायत हुई। जिसके बाद से साइबर क्राइम पुलिस पेटीएम संचालक शर्मा को लगातार परेशान कर रही है। लिहाजा, पूर्व में याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण ली गई। जिस पर कोर्ट ने परेशान करने पर रोक लगा दी थी।
इसके बावजूद साइबर क्राइम के डीजी दोहरे व टीआई खान ने परेशान करने का रवैया बरकरार रखते हुए पोसपोर्ट सरेंडर करने दबाव बनाया। लिहाजा, दोबारा हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर दिए। साथ ही अंतरिम आदेश के जरिए डीजी व टीआई को याचिकाकर्ता से दूरी बनाकर रखने कह दिया गया। जवाब के लिए 4 सप्ताह का समय दिया गया है।
क्या है मामला
मप्र राज्य सायबर सेल ने पेटीएम के दो डायरेक्टर और उनके दो कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोप है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पेमेंट गेटवे का लाइसेंस लिए बगैर कंपनी लोगों के लिए पैसा ट्रांजेक्शन का काम कर रही है। प्रकरण आईपीसी की धारा 420, 120बी, 34 और 66डी आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया है।
केवल कैश वॉयलेट का लाइसेंस
एआईजी ने बताया कि पेटीएम के पास फिलहाल केवल कैश वॉयलेट का ही लाइसेंस है। इसके जरिए कंपनी किसी भी ग्राहक को पैसा ट्रांसफर नहीं कर सकती।