भोपाल। शिवसेना के संस्थापक एवं देश के कट्टर हिंदू नेता बाल ठाकरे ने जैन समाज की रीति नीतियों से प्रभावित होकर मांस खाना छोड़ दिया था। जबकि वो स्वादिष्ट नॉनवेज के बड़े शौकीन थे और मुंबई का ऐसा कोई रेस्टोरेंट शेष नहीं रह गया था जिसका नॉनवेज बाल ठाकरे ने टेस्ट ना किया हो। इसका खुलासा उनके फैमिली फ्रेंड अगस्ती कानितकर ने उनके निधन के बाद एक इंटरव्यू के दौरान किया था।
कानितकर के मुताबिक राजनीति में सक्रिय होने से पहले बालासाहब जब भी पुणे आते, वो मां साहब (पत्नी मीना ठाकरे) के साथ उनके मुकुंद नगर वाले समर्थ अपार्टमेंट के पांचवे फ्लोर पर बने फ्लैट में रहते थे। बाला साहब को नॉनवेज बहुत पसंद था, लेकिन मुंबई में आयोजित जैन धर्म एक एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अचानक उन्होंने पूरी तरह से शाकाहारी बनने का निर्णय लिया और अंतिम समय तक इसे निभाया भी।