भोपाल। शहर की कोच फैक्ट्री में बन रहे मॉडल कोच अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हैं। इनमें सवार होने वाले यात्रियों को यात्रा के दौरान अगले स्टेशन की जानकारी मिल सकेगी। शुक्रवार को पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर स्थित मुख्यालय ने अक्टूबर में 24 कोच का रैक बनाने की घोषणा की है। भोपाल एक्सप्रेस में इस रैक के ट्रायल लिया जा सकता है।
राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों में यात्री बेहतर और आरामदायक सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं किंतु मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के विभिन्न श्रेणी के कोच में बहुत ज्यादा बदलाव अब तक नहीं हुआ है। इसलिए इन गाड़ियों के यात्रियों को अधिक बेहतर और अच्छी सुविधाएं प्रदान करने के लिए मॉडल कोच रैक बनाया जा रहा है।
सभी कोचों में एलईडी या एलसीडी स्क्रीन लगी होगी, जिससे यात्रियों को जीपीएस से गाड़ी की लोकेशन मिलती रहेगी। ऐसे 24 कोच का रैक तैयार किया जा रहा है। इस रैक में जनरल कोच, स्लीपर, एसी-1, 2 व 3 के अलावा एसएलआर एवं पेंट्रीकार भी शामिल हैं। नॉन एसी कोच की लागत करीब 52 लाख रुपए और एसी कोच की लागत करीब 65 लाख रुपए होगी।
ऐसे होंगे नए कोच
हर कोच में एलईडी लगाई जा रही हैं, जिससे उनमें बेहतर व चमकदार रोशनी हो सके। टाॅयलेट भी स्पेशियस होंगे, जिसमें बड़े आईने, नल, सोप डिस्पेंसर, डस्टबिन एवं एक्जॉस्ट फैन लगाए जा रहे हैं। ये बायो-टायलेट होंगे।