नई दिल्ली। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी साल 2014 के डाटा के मुताबिक देश में होने वाले किडनैप्स में से 40 फीसदी शादी के लिए होते हैं। NCRB ने पहली बार किडनैपिंग केसेज के कारणों का खुलासा किया है। डाटा में यह भी जानकारी दी गई है कि अब फिरौती (ransom) किडनैपिंग की मुख्य वजह नहीं रहा है।
क्या कहते हैं साल 2014 के आंकड़े
NCRB द्वारा जारी साल 2014 के आंकड़ों के मुताबिक कुल 77 हजार किडनैपिंग केसेज सामने आए। इनमें से केवल 676 मामले ऐसे थे जिनमें अगवा किए जाने की वजह फिरौती थी जबकि 31 हजार महिलाओं को शादी के लिए मजबूर करने की नीयत से किडनैप किया गया। 1500 मामलों में किडनैपिंग की वजह मर्डर पाया गया है।
यूपी, बिहार और असम में परेशानी ज्यादा
डाटा के मुताबिक यूपी, बिहार और असम में 50 फीसदी किडनैपिंग के मामले शादी के लिए हुए। इनमें भी यूपी टॉप पर है। यहां 7338 महिलाओं को शादी के लिए अगवा किया गया। किडनैपिंग के कुल मामलों में भी यूपी 60 फीसदी के साथ टॉप पर है। बिहार में 4641 मामले दर्ज किए गए, इनमें से 70 फीसदी किडनैपिंग शादी के लिए किए गए। असम में किडनैपिंग के कुल 3883 मामले दर्ज किए गए।
डाटा पर क्या कहती है पुलिस
शादी के लिए किडनैपिंग के बढ़ते मामलों पर पुलिस ने सफाई दी है। पुलिस का कहना है कि जब भी कोई लड़का और लड़की शादी के लिए घर से भागते हैं, लड़की के पैरेंट्स किडनैपिंग का केस दर्ज करा देते हैं। यही वजह है कि ये मामले ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। फिरौती के लिए किडनैपिंग के सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल (101), यूपी (83) और बिहार (62) में दर्ज किए गए।
मर्डर के लिए अगवा किए जाने वाले मामलों की बात करें तो यहां असम (632) और यूपी (539) टॉप पर हैं।