MCU है मंदिर का घंटा, जो आया बजा गया

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय। देश की प्रख्यात पत्रकारिता यूनिवर्सिटी मानी जाती थी परंतु इन दिनों फर्जी भर्तियों के विवाद में उलझी हुई है। जिस संस्थान में लोकतंत्र की रक्षा के गुर सिखाए जाने चाहिए थे, वहीं पर मनमानी नियुक्तियां हुईं हैं। ये नियुक्तियां कांग्रेस ने भी कीं और भाजपा ने भी। समझ नहीं आ रहा ये MCU है या मंदिर का घंटा। जो आया, बजा गया। सवाल यह भी है कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल महोदय के अधिकार क्षेत्र में दखल देते रहे और राज्यपाल भी चुप रहे, ऐसा क्यों ? 

कल कांग्रेस ने माखनलाल यूनिवर्सिटी में शिवराज सिंह चौहान की पर्चियों पर हुईं अवैध नियुक्तियों की लिस्ट जारी की थी, आज भाजपा ने दिग्विजय सिंह की पर्चियों पर हुईं नियुक्तियों का राज खोल दिया। हालांकि दोनों की संख्या में काफी अंतर है। दिग्विजय सिंह ने दायरे में रहकर मनमानी की जबकि शिवराज सिंह बेलगाम हो गए, लेकिन गुनाह तो गुनाह है। दोनों को क्षमा नहीं किया जा सकता। 

भाजपा ने अपने आरोप के पक्ष में मीडिया को पर्चियां उपलब्ध कराई हैं। भाजपा की ओर से जारी की गई पर्चियों में प्रोफेसर व कार्यपालक निदेशक के पद पर रामशरण जोशी और महानिदेशक शरद बेहार की नियुक्तियों का ब्यौरा है।

यहां यह याद रखना जरूरी होगा कि दिग्विजय सिंह का राज खुल जाने से शिवराज का गुनाह कम नहीं हो जाता। सवाल एक बार फिर भाजपा की मंशा पर ही खड़ा होता है। जब पूरा मध्यप्रदेश 10 साल पहले इन खुलासों की उम्मीद कर रहा था तब भाजपा चुप क्यों थी, जबकि सारे रिकार्ड उसके हाथ में आ गए थे। 

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