जबलपुर। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमके शर्मा की अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में एनसीएल/एससीएल के पूर्व महाप्रबंधक रामलखन राय व उनके बेटे अशोक राय को 5-5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 2-2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना राशि अदा न करने की सूरत में 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सीबीआई कोर्ट ने राय की 1 करोड़ 11 लाख 75 हजार 451 रुपए की बेहिसाबी संपत्ति राजसात करने का भी सख्त निर्देश दिया है।
रामलखन राय पर आरोप है कि 1 जनवरी 1996 से 29 सितंबर 2004 तक एनसीएल/एससीएल में महत्वपूर्ण पद पर होते हुए उन्होंने खुद और परिजनों के नाम पर 1 करोड़ 27 लाख 63 हजार 34 रुपए जमा कर लिए। इस राशि के आय के समुचित स्रोत के बारे में पिता-पुत्र संतोषजनक स्पष्टीकरण कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाए। इससे साफ हो गया कि आय से अधिक संपत्ति भ्रष्टाचार से एकत्र की गई है। सीबीआई कोर्ट ने दोष सिद्घ पाकर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सजा सुना दी।