भोपाल। भारत में सामान्यत: किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके गुनाहों को माफ कर उसे अच्छे इंसान के रूप में याद किया जाता है, इसीलिए व्यक्ति को स्वर्गवासी कहा जाता है परंतु भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु के बाद भी भोपाल उन्हें माफ नहीं कर पा रहा है। दिमाग कहता है लेकिन रह रहकर दिल में दर्द हो उठता है। भुलाए नहीं भूलता कि ये वही राजीव गांधी हैं जिन्होंने भोपाल में मौत का नंगा नाच नचाने वाले वारेन एंडरसन को पुलिस गिरफ्त से मुक्त कराकर विदेश भगा दिया था। वो भी विशेष सरकारी विमान से। उसके बाद एंडरसन को कभी भारत नहीं लाया जा सका।
आरोप है कि भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड के मालिक वॉरेन एंडरसन को गिरफ्तार कर लिया गया था कि तभी राजीव गांधी ने खुद मप्र के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को उसे मुक्त कर देने के आदेश दिए। इसके बाद भोपाल कलेक्टर एवं एसपी उसकी सुरक्षा में लग गए। उसे विशेष विमान से दिल्ली भेज दिया गया जहां से उसे अमेरिका पहुंचाया गया। 50000 लोगों की मौत के गुनहगार को इस स्तर की सरकारी मदद के लिए भोपाल कभी राजीव गांधी को माफ नहीं कर पाया।
गांधी के गाल पर भोपाल का तमाचा
भोपाल ने राजीव गांधी को इस गुनाह के लिए अपने तरीके से सजा भी दी। कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी भोपाल से नवाब पटौदी को लोकसभा चुनाव नहीं जितवा सके थे। 1991 के लोकसभा चुनाव में खुद राजीव गांधी ने नवाब मंसूर अली खां पटौदी ने कांग्रेस की ओर से भोपाल सीट से चुनाव लड़वाया था। उन्होंने खुद भोपाल आकर पटौदी के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। तमाम क्रिकेटर्स और फिल्म स्टार को भी प्रचार में भेजने के बावजूद राजीव गांधी नवाब पटौदी को चुनाव में जीत नहीं दिलवा सके थे। उन्हें भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा ने हराया था।
