अनिल तोमर/मुरैना। घर घर रसोई गैस सिलेण्डर बांटने वाले हॉकर महेश रजक के बेटे को ताइक्वांडों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सरकार ने एकलव्य अवार्ड दिया है। वैसे महेश के बेटे अनिल का जीवन भी किसी एकलव्य से कम नहीं है।
अपने परिवार के खराब आर्थिक हालातों के बीच उसने अपने लक्ष्य पर ध्यान एकलव्य की तरह ही रखा। यही वजह है कि अब तक 17 वर्षीय अनिल राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में 2 गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुका है।
अनिल के पिता महेश रजक पिछले 25 साल से गैस एजेंसी के सिलेंडरों की घर-घर सप्लाई कर रहे हैं। रहने के लिए खुद का घर तक नहीं है। पिता की मेहनत व ईमानदारी को देखते हुए गैस एजेंसी संचालक ने गोदाम के पास कुछ कमरों में पूरे परिवार को रहने के लिए जगह दी है।
अनिल की प्रतिभा को देखते उसे शहर के नीलवर्ल्ड स्कूल ने गोद लिया है। 11वीं कक्षा की पढ़ाई से लेकर ताइक्वांडों की ट्रेिंनग में भी स्कूल प्रबंधन मदद कर रहा है। उसका एक बड़ा भाई व एक छोटी बहन है।
5 लोगों का पूरा परिवार सिलेंडर सप्लाई से होने वाली 7 हजार स्र्पए महीने की आमदनी पर निर्भर है। अनिल के पिता का कहना है कि इस पुरस्कार से उम्मीद बंधी है कि भविष्य में वह हमारा व जिले का नाम रोशन करेगा।
पासपोर्ट नहीं था, इसलिए विदेश नहीं जा पाया
अनिल ने बताया कि वह राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में 2 बार गोल्ड मेडल जीत चुका है। उसका चयन हांगकांग में होने वाली अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता के लिए हुआ था, लेकिन पासपोर्ट न बन पाने की वजह से वह इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सका।
अब आगे क्या
अनिल ने बताया राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहा हूं, जिससे इन प्रतियोगिताओं में पहला स्थान पा सकूं। इसके अलावा खेल के साथ पढ़ाई भी करूंगा, जिससे अच्छी नौकरी मिल सके और परिवार का सहारा बन सकूं।