दीपक परमार। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यप्रणाली से डीएड विद्यार्थी परीक्षा से वचिंत हुए। जुलाई 2014 में विद्यार्थियों ने प्रायवेट कालेजों में एडमिशन लिये जिसकी सूची माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी की। जिन विद्यार्थियों की अंकसूची राज्य ओपन की लगी थी उन विद्यार्थियों को डीएड परीक्षा देने से वंचित कर दिया। जिसके कारण उनको वर्ष भर की पढ़ाई का नुकसान हुआ। वे अपने लक्ष्य में पिछड़ गए। जिससे विद्यार्थियों को समय व आर्थिक रूप से नुकसान भुगतना पढ़ा और इसका जिम्मेदार माध्यमिक शिक्षा मंडल ही है।
यदि ऐसा था तो माध्यमिक शिक्षा मंडल को एडमिशन सूची जारी नही करनी थी। ताकि सभी विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होता। 5 अगस्त 2015 से डीएड की परिक्षा शुरू हो रही है लेकिन माध्यमिक शिक्षा मंडल के इस फैसले के कारण विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
दीपक परमार
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