अनुभव प्रमाण पत्र की वाट जोह रहा अतिथि शिक्षक

खुलाखत। सरकार से आश्वासन पर आश्वासन मिलते रहे और संविदा भर्ती में अतिथि शिक्षको को बोनस अंक दिये जाने की घोषणा की गई किन्तु वह भी विसंगति पूर्ण है। यदि सरकार अतिथि शिक्षकों को लाभ देना चाहती है तो  सभी वर्गों में बोनस अंक का फायदा दिया जाना चाहिए। कुछ अतिथि शिक्षक हाई स्कूल में पढ़ाते हैं, जो मास्टर डिग्री नहीं है उन्हें लाभ से वंचित होना पड़ेगा, क्योकि हाई स्कूल में पढ़ानेवाले अतिथि को वर्ग 01 में बोनस अंक दिए जायेंगे।

अतिथि शिक्षकों ने अपने जीवन के स्वर्णिम छः सात साल शासन की सेवा में लगा दिये। जिससे हमें आज तक आश बंधी है की आज नहीं तो कल सरकार हमें सम्मान जनक पद जरूर देगी, किन्तु हमारी ओर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है या सरकार हमारी ओर ध्यान देना नहीं चाहती।

यह कहना बड़ा ही मुश्किल है किन्तु हमारे जीवन के जो छः- सात साल हमने स्कूल में अल्प मानदेय में स्कूल के शिक्षकों के साथ कदम से कदम मिलकर कार्य किया, स्कूल की सभी गतिविधियों में बढ़चढ़कर छात्रों का उत्साह वर्धन किया। उनके सर्वांगीण विकास में सहयोग दिया, उनका भविष्य सुधारा किन्तु आज हमारा भविष्य कौन सुधरेगा?

आज अल्प मानदेय मिलने के कारण समाज भी अतिथि शिक्षक के नाम से मजाक उड़ाता है, अतिथि शिक्षक को हेय दृष्टि से देखा जाता है। स्कूल में भी काम करते हुये अतिथि शिक्षक शोषण का शिकार बनता है। उसे मजदूर की तरह संस्था प्रमुख प्रयोग करते है। वह बड़ी ही मासूमियत से चुपचाप सहन करता है। विरोध करने पर अतिथि पद से हटा दिया जाता है।

इन परिस्थितियों में अतिथि शिक्षक आखिर करे भी तो क्या करे अतिथि शिक्षक की सुनने वाला कोई नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र प्रार्थना है की अतिथि शिक्षक के अनुभव प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया जल्द प्रारम्भ करे एवं हमारी विभागीय परीक्षा लेकर हमें संविदा शिक्षक बनने का अवसर प्रदान करे।

प्रेषक
satithi@rediffmail.com

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