व्यापमं का भूत: निकाय चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे शिवराज

भोपाल। मंच, भाषण और चुनाव प्रचार शिवराज सिंह चौहान की हमेशा से पहली पसंद रहे हैं। शिवराज जब सीएम नहीं थे, तब भी भाषण देने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। फिर चाहे वो नुक्कड़ सभा ही क्यों ना हो, लेकिन व्यापमं का भूत भाजपा को इस कदर डरा रहा है कि 11 निकाय चुनावों में शिवराज के भाषण ना कराने का निर्णय ले लिया गया।

निकाय चुनावों की जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंपी जा रही है। मुख्यमंत्री केवल रोड शो में भाग लेंगे। हाथ हिलाएंगे, अभिवादन स्वीकार करेंगे और चले जाएंगे। भाषण नहीं देंगे।

उज्जैन और मुरैना नगर निगम चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रबंधन की टीम के अलावा प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य क्रमश: पारस जैन एवं माया सिंह को जवाबदारी सौंपी गई है।

इसी तरह विदिशा नगर पालिका चुनाव में राजस्व मंत्री रामपाल सिंह चुनाव प्रबंधन की कमान संभालेंगे। पार्टी ने उन्हें बीजेपी प्रत्याशी को जिताने का टॉरगेट सौंपा है। राजधानी के विधायक विश्वास सारंग को भी विदिशा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए तैनात किया गया है।

केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना में प्रचार करने जाएंगे। क्षेत्रीय नेताओं को भी सक्रिय किया जा रहा है।

नगर परिषद लांजी (बालाघाट) के लिए किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन को लगाया गया है। छतरपुर, चाकघाट (रीवा), भैंसदेही एवं सुवासरा में भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जवाबदारी सौंपी गई है। बीजेपी की ताजा दलील है  कि नगरीय निकाय के चुनाव स्थानीय समस्याओं पर ही होते हैं। इसलिए पार्टी ने स्टार प्रचारकों के बजाए क्षेत्र के प्रभावी नेताओं को सक्रिय करने की रणनीति बनाई गई है, हालांकि इससे पहले हुए निकाय चुनावों में शिवराज गली गली घूमे थे, लेकिन अब आमसभा भी प्रतिबंधित हो गई।

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