लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकार चला रही समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ टकराव में उलझे और इस लड़ाई को केंद्र तक ले जाने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को राज्य सरकार ने स्सपेंड कर दिया। इससे पहले पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी ठाकुर ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क कर अपने खिलाफ दायर रेप के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. ठाकुर ने मुलायम द्वारा धमकी दिये जाने की शिकायत पुलिस में दर्ज करायी है.
सस्पेंड करने को लेकर सरकार ने दिए कई बहाने
लखनऊ में जारी की गयी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य सरकार ने ठाकुर को दायित्व निर्वहन में कोताही, अनुशासनहीनता, सरकार विरोधी रुख अपनाने और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना के प्रथम दृष्टया आरोपों को लेकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विज्ञप्ति के अनुसार निलंबन की अवधि में ठाकुर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय से संबद्ध रहेंगे और डीजीपी की मंजूरी के बिना राज्य मुख्यालय से बाहर नहीं जाएंगे।
इसमें कहा गया, ‘‘ठाकुर के व्यवहार ने पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता को बढ़ावा दिया है और जनता में प्रशासन एवं पुलिस की छवि खराब की है.’’ ठाकुर पर बिना मंजूरी के विभिन्न संगठनों की बैठक में शामिल होने, सरकारी धन के दुरूपयोग, लोगों को गुमराह करने, मनमानी, महात्मा गांधी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने, राज्य पुलिस मुख्यालय के सामने धरने पर बैठने के भी आरोप लगाए गए हैं.