शिवानी हत्याकांड: सजा-ए-मौत के खिलाफ दया याचिका

इंदौर। तीन साल पहले हुए नाबालिग शिवानी दुष्कर्म व हत्याकांड में तीनों गुनहगारों को फांसी की सजा पर दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई है। मामले में आरोपी जितेंद्र, ऑटो चालक बाबू उर्फ केतन और सन्नी को जिला कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।  वहीं, इस सजा को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है। 

यदि राष्ट्रपति ने भी इनकी याचिका खारिज कर दी तो फांसी होना तय है। महामहिम राष्ट्रपति चाहेंगे तो फांसी की सजा माफ भी हो सकती है या उम्रकैद में बदल सकती है. वहीं, अभी तीनों आरोपी फिलहाल सेंट्रल जेल इंदौर में बंद हैं। 

क्या है मामला?
गौरतलब है कि तीनों आरोपियों ने 24 जून 2012 की रात न्यू पलासिया में लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल के पास अपने घर के सामने बारात देख रही चार वर्षीय शिवानी को ऑटो में बैठाया और मालवीय नगर के सूनसान इलाके में ले गए। वहां ज्यादती के बाद उसकी हत्या कर दी थी। तीनों हत्यारों को 26 अप्रैल 2013 को जिला कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। 

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