भोपाल। व्यापमं मामले से जुड़ी 49वीं मौत मप्र के ओरछा में हुई है। मरने वाला मप्र पुलिस का एक सिपाही है जिसे एसटीएफ ने कुछ दिनों पहले पूछताछ के लिए बुलाया था। तभी से वो लगातार तनाव में था। इसके विरुद्ध एसपी टीकमगढ़ ने इसका खंडन करते हुए दावा किया है कि मृतक सिपाही शराब पीने का आदी था और उसने आत्महत्या की है।
घटना के दौरान घर पर कोई नहीं था। आरक्षक की पत्नी और बच्चे अपने पैतृक गांव उन्नाव जिला दतिया गए थे। सोमवार सुबह जब रमाकांत की बेटी ने मोबाइल पर फोन लगाया, तो बार-बार डायल करने के बाद भी फोन नहीं उठा। इसके बाद उसने ओरछा थाना प्रभारी दिलीप सिंह यादव को फोन लगाया। उसनें कहा कि पापा फोन नहीं उठा रहे हैं।
यादव कुछ सैनिकों के साथ रमाकांत शर्मा के आवास पहुंचे। जब दरवाजा खुलवाया गया, तो पंखे से शव लटका हुआ था। थाना प्रभारी ने फोरन इसकी सूचना परिजनों सहित एसपी निमिष अग्रवाल को दी गई। आरक्षक शर्मा की मौत की खबर लगते ही निवाड़ी एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर, एसडीओपी केआर सिजौरिया, तहसीलदार एसडी प्रजापति घटना स्थल पर पहुंचे।
व्यापमं मामले में हुई थी पूछताछ
बताया जा रहा है कि मृत सिपाही को एसटीएफ ने व्यापमं मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था और तभी से उसका व्यवहार बदल गया था। वो भयभीत रहता था और अक्सर अपने डर को छिपाने के लिए ज्यादा मात्रा में शराब भी पीता था।
एसपी ने कहा शराबी था आरक्षक
सोमवार शाम 4 बजे घटना के संबंध में एसपी निमिष अग्रवाल ने प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने कहा कि आरक्षक शराब का आदी था। पिछले 23 घंटे से वह ड्यूटी पर नहीं था। थाना स्टाफ ने सोचा कि वह अपने घर चला गया होगा, लेकिन जब सोमवार को उसकी बेटी का फोन आया तो उसके सरकारी क्वार्टर पर जाकर देखा गया।
व्यापमं से कोई लेना देना नहीं
व्यापमं मामले में आरक्षक से की गई पूछताछ के सवाल पर एसपी ने कहा कि इस मामले से आरक्षक का कोई लेनादेना नहीं था। वह 2000 बैच में भर्ती हुआ था, लेकिन पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल यह नहीं बता पाए कि आखिर एसटीएफ ने उससे पूछताछ क्यों की थी।
