भोपाल। 'भोपाल के लिए जिउंगा और भोपाल के लिए मर जाउंगा' का ऐलान करने वाले शिवराज सिंह चौहान और उनके फालोअर्स के लिए बुरी खबर है। जसलोक ग्रुप सहित देश के 4 बजे ग्रुप्स ने भोपाल को रिजेक्ट करते हुए यहां अपने प्रोजेक्ट Shutdown कर दिए हैं। इनकी घोषणा ग्लोबस इंवेस्टर्स समिट में हुई थी। ये सभी ग्रुप अब इंदार जाना चाहते हैं।
जसलोक ग्रुप ने राजधानी में 300 बिस्तर का सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल बनाने का फैसला बदल लिया है। ग्रुप अब भोपाल की जगह इंदौर में यह हॉस्पिटल बनाएगा। भोपाल में पर्याप्त स्कोप नहीं होने का हवाला देते हुए ग्रुप ने यह निर्णय लिया। वहीं अपोलो, फोर्टिस और रॉकलेंड ग्रुप ने भी राजधानी में सुपर स्पेशिएलिटी यूनिट के प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं। वजह बताई गई है, जगह मुफीद नहीं है। इस सेक्टर में बड़े निवेश की उम्मीदें पाले बैठी राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है।
पिछले साल इंदौर में हुई ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में रॉकलैंड, फोर्टिस, अपोलो और जसलोक ग्रुप ने भोपाल में 300-300 बिस्तर के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल बनाने की मंशा जाहिर की थी। चारों ही हॉस्पिटल्स के प्रबंधकों ने सस्ती दर पर भोपाल में जमीन भी मांगी थी।
वजह
जसलोक ने जनवरी से मई 2015 के बीच सर्वे रिपोर्ट में पाया कि महंगा इलाज कराने वाले आर्थिक रूप सक्षम लोग भोपाल की बजाय इंदौर में ज्यादा। पेशेंट फ्लो भी इंदौर में अधिक।
अपोलो, फोर्टिस और रॉकलेंड ग्रुप ने कहा प्राइम लोकेशन पर नहीं मिल रही जमीन।
एयरो सिटी और रिंग रोड रिजेक्ट
ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ डॉ. अशोक वीरांग ने बताया कि अपोलो, फोर्टिस और रॉकलैंड ग्रुप को एयरो सिटी और रिंग रोड पर जमीन दिखाई थी। तीनों ही ग्रुप के अफसरों ने जमीन प्राइम लोकेशन पर नहीं होने के कारण आवंटन की प्रक्रिया शुरू करने से मना कर दिया है। तीनों ग्रुप के डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर भोपाल में स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल खोलने के मामले पर स्थिति स्पष्ट करने कहा गया है। उन्होंने बताया कि जसलोक ग्रुप इंदौर में 300 बिस्तर का आई हॉस्पिटल भी बनाएगा। ग्रुप इंदौर में करीब 600 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।
परेशानी पूछेंगे
भोपाल से सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल खोलने वाले जो ग्रुप इंदौर शिफ्ट हो रहे हैं, उनके प्रमुखों से बात करेंगे। कारण जानेंगे। यदि कोई समस्या होगी तो उन्हें दूर करने के भी प्रयास किए जाएंगे।
नरोत्तम मिश्रा, मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग