भोपाल। ग्वालियर में डायल 100 की जानकारी देने पहुंचे गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने डीमेट से संबंधित सवालों का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन उनकी आखों और मुख से ना निकले शब्दों ने सबकुछ बयां कर दिया। याद दिला दें कि बाबूलाल गौर मप्र के एक ऐसे नेता हैं जो कभी किसी से नहीं डरते। मुख्यमंत्री के प्रेशर में भी नहीं रहते और वो किसी की कृपा पर मंत्री नहीं हैं। उनका एक स्वच्छ रिकार्ड रहा है और भोपाल के सबसे लोकप्रिय नेता माने जाते हैं।
शताब्दी से उतरने के बाद बाबू लाल गौर इंदरगंज थाने का निरीक्षण करने पहुंचे। गृहमंत्री ने थाने में बैठकर पत्रकारों को 100 नंबर डायल करो और पुलिस बुलाओ, योजना की जानकारी दी।
थाने में पत्रकारों ने गृहमंत्री से पूछा
क्या सरकार डीमेट की जांच कराएगी?
सवाल सुनकर बाबूलाल गौर मुस्कराए।
सरकार डीमेट की जांच करने से डर क्यो रही है?
श्री गौर फिर मुस्कुराए और जवाब दिया-थैक्यू...।
क्या प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों को निजी कॉलेज 10-10 करोड़ देते थे?
गृहमंत्री के मुंह से एक ही शब्द निकला-थैक्यू...। और कुर्सी से उठकर चले गए।
कुल मिलाकर बाबूलाल गौर से मप्र के दिग्गज नेता की चुप्पी ने सबकुछ बयां कर दिया। इस पत्रकारवार्ता के बाद स्पष्ट हो गया है कि
- इस मामले में गृहमंत्रालय तक प्रेशर में है।
- उपरीत ने जो भी बयान दिए सब सही हैं।
- सरकार जांच से डर रही है क्योंकि इसमें सारे के सारे दिग्गज लपेटे में आने वाले हैं।
- सबूतों को खुर्दबुर्द किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य मंत्रियों को 10 करोड़ की रिश्वत मिलती थी।