एक एक फर्जी डॉक्टर की कुण्डली तलाश रही है पुलिस

भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच के दौरान खुले डीमेट कांड ने पूरे प्रदेश में सनाका खींच दिया है। मप्र का लगभग हर पॉवरफुल व्यक्ति इस जांच की जद में आता दिखाई दे रहा है। आरोप है कि 5500 फर्जी डॉक्टर इस दौरान पास होकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। पुलिस अब एक एक डॉक्टर की कुण्डली तलाश रही है, वहीं कई मेडिकल स्टूडेंट्स ने सरेंडर करते हुए सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई है ताकि वो कड़ी सजा से बच सकें।

एसटीएफ 2010 से अब तक प्रदेशभर के मेडिकल, डेंटल कॉलेजों में हुए एडमिशन की जांच कर रही है। फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वाले छात्रों का पता करने के लिए एसआईटी ने एक-एक विद्यार्थी का फिंगर प्रिंट मांगा है। शुक्रवार को हितकारिणी डेंटल कॉलेज, जबलपुर से भी इस संबंध में दस्तावेज मांगने एसटीएफ की टीम पहुंची।

एटीएफ की निगरानी में एसआईटी के अधिकारी सुबह 10.45 पर हितकारिणी डेंटल कॉलेज पहुंचे। जांच अफसरों के आने से कैंपस में हड़कप मच गया। यहां उन्होंने अधिष्ठाता टी. चंद्रशेखर से पिछले चार साल के एडमिशन का रिकार्ड मांगा। अधिष्ठाता ने इस मामले में जांच से जुड़े दस्तावेज दिए।

मेडिकल कॉलेज से भी ली जानकारी
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर से भी एसटीएफ ने 2010 के बाद एडमिशन लेने वाले सभी छात्रों की फिंगर प्रिंट देने को कहा है। मेडिकल और डेंटल कॉलेज को जल्द जांच से जुड़े सारे दस्तावेज मुहैया कराने को कहा गया है।

क्या होगी जांच
व्यापमं ने 2010 से परीक्षार्थियों का फिंगर प्रिंट परीक्षा स्थल पर लेना शुरू किया था। एसटीएफ फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वाले छात्रों का पता लगाने के लिए प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों से छात्रों के फिंगर प्रिंट मांग रही है। एसटीएफ व्यापम के पास मौजूद फिंगर प्रिंट और संस्था में एडमिशन लेने वाले छात्र के फिंगर प्रिंट का मिलान करेगी। इसमें वे सभी मुन्नाभाई बेनकाब होंगे, जिन्होंने एडमिशन तो खुद लिया, लेकिन परीक्षा में किसी और से दिलवाई।

डेंटल कॉलेज ने भेजा पत्र
हितकारिणी डेंटल कॉलेज को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसआईटी की ओर से पत्र जारी हुआ। जिसमें संस्थान के डीन से 2010 से एडमिशन लेने वाले सभी छात्रों के रिकार्ड, मूलप्रपत्र (मेडीकल में प्रवेश के समय छात्रों द्वारा भरे फार्म की मूल प्रति) मांगी है।

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हमने 2010 से व्यापम के जरिए मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले सभी छात्रों के फिंगर प्रिंट मांगें हैं। शुक्रवार को इसी संबंध में हितकारिणी डेंटल कॉलेज टीम गई थी। कुछ दस्तावेज वहां से लिए गए है।
राजवर्धन माहेश्वरी,डीएसपी क्राइम

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