लखनऊ। अपने काले कारनामों के खुलासे से घबराए यूपी के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा ने एक पत्रकार को जिंदा जलवा दिया। इससे पहले मंत्री ने पत्रकार के खिलाफ एक झूठा मुकद्मा दर्ज करवाया, फिर पत्रकार को गिरफ्तार करने गए पुलिस बल ने पत्रकार पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। बता दें कि मंत्री इलाके में जमीनों पर कब्जा कर रहा है। उसने वक्फ की जमीन पर भी कब्जा कर रखा है। आरोप है कि उसके गुर्गे विरोध करने वालों की हत्याएं कर देते हैं और स्थानीय पुलिस भी उसी के इशारों पर नाचती है।
मामला यूपी के शाहजहांपुर का है। यहां जगेंद्र सिंह पिछले 15 सालों से पत्रकारिता कर रहे थे। उन्होंने फेसबुक पर उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा के गुर्गों के खिलाफ खबरें लिखी थीं। इस मामले में पुलिस ने मंत्री सहित चार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
आरोप है कि इस बात से नाराज मंत्री ने जगेंद्र सिंह के खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या का कोशिश का मुकदमा दर्ज करा दिया। आरोप है कि 1 जून को कोतवाल श्रीप्रकाश राय ने उनके घर पर दबिश दी और पत्रकार के साथ मारपीट करने के बाद पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा जला दिया। मरने से पहले जगेंद्र का बयान सामने आया है।
1 जून से लेकर अब तक जख्मी जगेंद्र सिंह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे। और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया। पत्रकार जगेंद्र इतनी बुरी तरह जल गए थे कि उन्हें शाहजहांपुर से लखनऊ रेफर कर दिया गया था, लेकिन लखनऊ के डॉक्टर भी उनकी जिंदगी नहीं बचा पाए।
एसपी बबलू कुमार की माने तो जगेंद्र पर मुकदमा दर्ज था इसीलिए पुलिस ने उनके घर दविश दी थी। जहां पत्रकार ने अपने आप को आग लगा ली। इस माले की जांच एसपी सिटी को दी गई है जो भी जांच में निकल के आएगा उसके हिसाब से कनूनी कार्यवाही की जाएगी।