बदलेंगे अध्यापकों की तबादला नीति: मंत्री ने किया इशारा

भोपाल। मप्र के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने इशारा किया है कि मप्र की अध्यापक तबादला नीति के संदर्भ में काफी शिकायतें मिल रहीं हैं, अत: नियमों को बदलने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह नहीं बताया कि यह बदलाव कब तक हो जाएगा एवं क्या बीच शिक्षण सत्र में महिलाओं एवं नि:शक्तों को तबादले दिए जाएंगे।

गांवों में शिक्षकों की कमी दूर करने के मकसद से बनाए सरकार के नए नियम अध्यापकों पर ही भारी पड़ रहे हैं। महिला और निशक्त अध्यापकों के नगरीय निकायों या शहरों में संविलियन पर रोक लगा दी है। ऐसे में दूर के गांवों तक पहुंचना और सुरक्षा जैसी समस्या इनके सामने होगी। साथ ही तय पदों से अधिक अध्यापक होने पर ही उनकी दूसरे निकाय में बदली संभव हो पाएगी। जाहिर है चुनिंदा अध्यापक ही ऑनलाइन संविलियन के दायरे में आ पाएंगे। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी भी इन नियमों से व्यवहारिक तौर पर दिक्कत आने की बात कह रहे हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के बाद अध्यापक संवर्ग में महिलाओं और निशक्तजन की ऑनलाइन संविलियन की प्रक्रिया और नियम जारी किए हैं। इसके मुताबिक पात्र अध्यापक 10 जून से 30 जून के दौरान एजुकेशन पोर्टल पर यूनिक आईडी से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

नियमों में ही उलझा दिया
लोक शिक्षण आयुक्त डीडी अग्रवाल की ओर से जारी नियमों में संविलियन के इच्छुक आवेदक उलझ कर रह गए हैं। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी नगरीय निकाय में संविलियन की अनुमति से संबंधित आवेदन मान्य नहीं किए जाएंगे। एक अन्य नियम के मुताबिक तय पदों से अधिक अध्यापक होने पर ही जिला शिक्षा अधिकारी आवेदक को एनओसी जारी करने की सिफारिश करेगा। इसके बाद ही जिला पंचायत की सीईओ या जनपद पंचायत का सक्षम अधिकारी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर सकेगा।

नए सिरे से लेनी होगी NOC
आवेदकों को संबंधित निकाय से 4 जून या उसके बाद जारी एनओसी ही लगानी होगी। ऐसे में वे आवेदक फिलहाल परेशान हो रहे हैं, जो अप्रैल-मई में ये औपचारिकता पूरी कर चुके हैं।

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प्रदेश में कुल अध्यापक- 2.8 लाख
महिलाएं- करीब 90 हजार
निशक्त- लगभग 10 हजार

नियमों में बदलाव पर विचार
कोई भी स्कूल खाली नहीं होना चाहिए, यह हमारी जिम्मेदारी है। एक ही स्थान पर एक ही विषय के कई अध्यापक होने की विसंगति दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण किया और नए नियम बनाए गए। इन नियमों से महिला और विकलांग अध्यापकों को व्यावहारिक तौर से दिक्कत होने का फीडबैक हमें भी मिल रहा है। इसके मद्देनजर नियमों में बदलाव पर विचार कर रहे हैं।
दीपक जोशी, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री

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तुरंत बदले जाएं नियम
नगरीय निकायों में महिलाओं व निशक्तजनों के लिए 50 फीसदी आरक्षण लागू किया गया है। ये पद भरने के लिए अध्यापक संवर्ग को इन निकायों में पदस्थ करना चाहिए। शिक्षकों के मामले में भी ऐसा किया गया है। नए नियमों से एक से दो फीसदी अध्यापक ही संविलियन के दायरे में आ पाएंगे। ये अव्यवहारिक है। इनको तुरंत बदला जाना चाहिए।
आरिफ अंजुम, प्रमुख महामंत्री, शासकीय अध्यापक संघ

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