जबलपुर। जाति सर्टिफिकेट में गलत एंट्री ने बैतूल में पदस्थ विद्युत मंडल अफसर का प्रमोशन अटका दिया। अफसर ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो वो भी नहीं दी जा सकी। अब राज्य सूचना आयोग अपर कलेक्टर छोटे सिंह से 25 हजार जुर्माना वसूल कर सकता है। क्योंकि पहली पेशी में अपर कलेक्टर जानकारी नहीं दे सके थे। इस प्रकरण में डिटेल देने वाला रजिस्टर ही कलेक्ट्रेट से गायब हो चुका है। ये जिले का पहला मामला होगा जिसमें बड़े अफसर को जुर्माना चुकाना होगा।
ये है मामला
1997 में संतोष कुमार दाहिया ने अपना अस्थाई जाति प्रमाण पत्र नायब तहसीलदार श्री कुल्हाड़े के हस्ताक्षर से बनाया था। इस प्रमाण पत्र के बाद उन्होंने स्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया। सर्टिफिकेट बना भी और जारी भी किया गया। लेकिन अस्थाई और स्थाई दोनों जाति प्रमाण पत्र में एक जैसा ही सीरियल नंबर चढ़ा दिया गया। विद्युत मंडल वालों ने जब सर्टिफिकेट की जांच कराई तो गलती पकड़ में आई। अब शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके सभी दस्तावेज सही हैं लेकिन बनाने वालों की गलती के चलते प्रमोशन अटक गया।