डॉक्टर ने पत्नी के प्रेमी को कुल्हाड़ी से काटा

जबलपुर। करीब एक माह पूर्व कटंगी थाना क्षेत्र से लापता हुए 18 वर्षीय युवक अरविंद के अंधे कत्ल के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हत्या के पीछे अरविंद के एक डॉक्टर की पत्नी से अवैध संबंधों की बात सामने आई है। अपनी पत्नी से जब युवक के अवैध संबंधों का भान हुआ तो डॉक्टर ने हत्या की साजिश रच डाली। इस काम में उसकी दो लोगों ने मदद की। दोनों अरविंद को शराब पिलाकर जंगल में ले गए और फिर जब वह नशे में चूर हो गया तो डॉक्टर ने कुल्हाड़ी से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने डॉक्टर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

जबेरा के जंगल में मिला था शव
27 मई को बजरिया मोहल्ला निवासी चंदू प्रजापति ने अपने 18 वर्षीय बेटे अरविंद प्रजापति के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 6 जून को अरविंद की लाश जबेरा के जंगल में कंकाल की हालत में मिली थी। जांच के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। सीएसपी हरिओम शर्मा और एनडी जाटव के नेतृत्व में दो टीमें गठित कर जांच शुरू की गई थी।

डॉक्टर ने बनाया हत्या का प्लान
पुलिस जांच में पता चला कि अरविंद का कुछ दिन पूर्व कटंगी में प्राइवेट क्लीनिक चलाने वाले डॉ. राजेश चक्रवर्ती से विवाद हुआ था। डॉ. राजेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली। राजेश ने बताया कि अरविंद और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध थे। उसने दोनों को रंगे हाथ घर पर आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था। इसके बाद उसकी पत्नी बेटे के साथ मायके चली गई थी।

बदला लेने के लिए उसने गब्बर चक्रवर्ती नाम के व्यक्ति से संपर्क किया था। दरअसल गब्बर से राजेश को 30 हजार रुपए लेने थे। राजेश के अनुसार उसने गब्बर को अरविंद के मर्डर में मदद करने पर कर्ज माफ करने का वादा किया। इसके बाद गब्बर ने अपने मित्र राहुल यादव के साथ मिलकर अरविंद को शराब पीने के बहाने से बुलाया और फिर तीनों ने जबेरा के जंगल में जाकर शराब पी। इसी बीच राजेश पहुंचा और नशे में चूर अरविंद पर कुल्हाड़ी से कई प्रहार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद शव को जंगल में छोड़कर तीनों कटंगी लौट आए। पुलिस ने डॉ. राजेश चक्रवर्ती, गब्बर चक्रवर्ती और राहुल यादव को गिरफ्तार कर लिया है।

टीम होगी पुरस्कृत
पुलिस अधीक्षक के अनुसार इस अंधे कत्ल को सुलझाने में कटंगी थाना प्रभारी विनय अमोरे, एसआई गोविंद सुरैया, आरक्षक रामनरेश, नीरज व मनोज की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्हें नकद इनाम से पुरस्कृत किया जाएगा।

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