जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नरसिंहपुर के फरार तहसीलदार पीयूष दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। मामला शासकीय दस्तावेजों में छेड़छाड़ के आरोप से संबंधित है।
न्यायमूर्ति राजेन्द्र महाजन की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान शिकायकर्ता/आपत्तिकर्ता नरसिंहपुर निवासी समाजसेवी त्रिभुवन पालीवाल की ओर से अधिवक्ता विजय नायक ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आवेदक के खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा- 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया है।
इसके बाद से आवेदक गिरफ्तारी से बचने फरार है। लिहाजा, बिना सरेंडर किए उसे जमानत का लाभ देना उचित नहीं होगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि जमानत का लाभ मिलने की सूरत में आवेदक अपने खिलाफ दस्तावेजी सबूतों को मिटाने की कोशिश कर सकता है। वह शिकायतकर्ता से द्वेष रखता है और पूर्व में उसे अपने प्रशासनिक रसूख के बूते फर्जी केस में फंसा चुका है।