नईदिल्ली। केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को मंगलवार सुबह फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने शाम को उन्हें कोर्ट में पेश किया। साकेत कोर्ट ने 70 मिनट चली बहस के बाद तोमर को चार दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। रात 10 बजे तोमर ने थाने से ही इस्तीफा भेज दिया। इधर पुलिस तोमर को लेकर लखनऊ रवाना हो गई। अब वहां फर्जी डिग्री की जांच की जाएगी।
तोमर बोले-नैतिकता के आधार पर इस्तीफा
तोमर ने कहा, ‘मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है ताकि पार्टी व सरकार की छवि को नुकसान न पहुंचे। यह गहरी साजिश है, जेल से छूटने के बाद इसका पर्दाफाश करूंगा।’
दिल्ली बार काउंसिल ने 11 मई को शिकायत की थी कि तोमर की बीएससी और लॉ की डिग्री फर्जी है। इस पर दिल्ली पुलिस ने त्रिनगर विधायक और पहली बार मंत्री बने 49 वर्षीय जितेंद्र तोमर पर यह कार्रवाई की। उधर, ‘आप’ ने केंद्र सरकार पर दिल्ली में आपातकाल जैसे हालात पैदा करने का आरोप लगाया।
सोमवार रात हुई थी FIR
तोमर के खिलाफ सोमवार रात हौजखास थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र से जुड़ी कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है। पुलिस पहले तोमर को हौजखास थाने ले गई और फिर उन्हें वसंत विहार थाने ले जाया गया। यह सूचना मिलते ही समर्थक थाने के बाहर जुटने लगे और जमकर नारेबाजी की।
दस्तावेज लेने के बहाने बाहर लाए
तोमर के सहयोगियों ने बताया, वह सुबह त्रिनगर दफ्तर में कुछ लोगों से बात कर रहे थे। तभी करीब 30-40 पुलिसकर्मी उन्हें कुछ दस्तावेज लेने के बहाने बाहर ले गए और वहां से थाने पहुंचा दिया।
बस्सी ने कहा-नियमों का पालन हुआ
दिल्ली के पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा, ‘कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई की गई है। मंत्री को गिरफ्तार करने की प्रक्रियाओं का पालन हुआ है।’