पढ़िए अतिथि शिक्षकों के संदर्भ में हाईकोर्ट का फैसला

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने कटनी, दमोह और जबलपुर के नौ अतिथि शिक्षकों की याचिका का इस निर्देश के साथ निपटारा कर दिया कि राज्य शासन उन्हें गुरुजी की तरह अपेक्षित लाभ प्रदान करे। इसके लिए तीन माह की समयावधि निर्धारित की गई है।

न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की ग्रीष्म अवकाशकालीन एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता एसके तिवारी, एमपी कोल, केके असाटी, राजेश राठौर, आरके चौरसिया, एएस लोधी, संदीप सैनी, सतीश कुमार नागरिया व हेमंत तिवारी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी ने रखा। एडवोकेट आशीष त्रिवेदी व असीम त्रिवेदी ने पैरवी में सहयोग किया।

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उन्होंने दलील दी कि अतिथि शिक्षक सालों से गुरुजी व अन्य अध्यापकों की तरह महत्वपूर्ण सेवाएं देते चले आ रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें वेतन के नाम पर महज मानदेय देकर छला जा रहा है। इस वजह से उनका जीवन-यापन बेहद कठिन हो गया है। कायदे से उन्हें पूर्व आदेश-निर्देश के रोशनी में संविदा शाला शिक्षक का दर्जा मिलना चाहिए।

42 और अतिथि शिक्षकों को राहत- मध्यप्रदेश अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बताया कि उक्त 9 याचिकाकर्ताओं के अलावा पूरक याचिकाओं के जरिए 42 अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने उनके हक में भी आदेश जारी किया है।

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