ऑफिस के अंदर आप क्या बोल रहे हैं और कोई भी बात समझाने का अंदाज आपका कैसा है इस पर आपकी पहचान छुपी होती है। यदि आप बॉस के सामने किसी भी बात को बिना सोचे समझे बोल जाते हैं तो आपकी इमेज बॉस के सामने तो खराब होती ही है साथ ही ऑफिस के कर्मचारी भी आपकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसलिए कार्यस्थल पर जितना भी बोलें सोच समझ कर बोलें क्योंकि बोली आपको आपके ऑफिस के कर्मचारियों और बॉस के बीच एक अलग पहचान दिलाती है।
आँख से आँख मिलकर बोले
ऑफिस मे कई बार ऐसी बात ओ जाती है जो आपको बुरी लगती हैं और आपूसके बारे मे सोच कर पूरे समय परेशान रहते हैं. यदि ऑफिस मे आपके साथ कुछ गलत हुआ है तो ऐसे मे आपका इमोशनल होना जायज है लेकिन इस बात को आप जितनी जल्दी समझ जाएँ बेहतर होगा की ऑफिस मे भावनाओं की कोई कदर नहीं होती है. ऐसे मौके पर ऑफिस के अंदर भावनाओं पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है. अपनी कोई भी बात बॉस से कहने के लिए आप आंसुओं का नहीं बल्कि अपनी आँखों का इस्तेमाल करें और बॉस से आँखों मे आँखें डालकर बात करें. जब आप नज़रें झुकाकर अपनी बात रखते हैं तो यह आपकी लीडरशिप क्वालिटी की कमी को दर्शाता है.
ऑफिस मे रहें थोड़ा गंभीर
निजी लाइफ मे भले ही आप काफी मज़ाकिया हो लेकिन प्रोफेशनल लाइफ मे गंभीर रहना बेहद जरूरी है. मज़ाक हमेशा जगह और लोगों को देख कर करना ही सही होता है. महिलाओं के साथ बात करने मे खासतौर पर आपको सजग रहने की जरूरत होती है. क्योंकि कई बार आप मज़ाक के दौरान आप ऐसा बोल जाते हैं जो अभद्र होता है इस तरह का मज़ाक आपको महिलाओं से बदसलूकी करने के मामले मे कानूनी पचड़े मे दाल सकता है. यही नहीं हर समय मज़ाक करने की आदत आपको कोई बड़ा काम करने मे रुकावट बन सकती है. बॉस भी ऐसे कर्मचारियों को ही ज्यादा बड़ा काम देना पसंद करते हैं जो ऑफिस मे गंभीर रहकर अपना काम करते हैं.
किसी को ठेस न पाहुचाएँ
ऑफिस मे हर धर्म के लोग काम करते हैं. ऐसे मे आप ऑफिस मे बोलते समय इस बात का ध्यान रखें की आपकी काही बात किसी की भाना को ठेस न पंहुचाए. जातिसूचक व किसी अन्य तरह की टिप्पणी से न केवल आपको सहकर्मियों की नज़र मे गिराती है बलकी आपको किसी बड़ी परेशानी मे भी डाल सकती है.
अंजाने मे करते हैं गलतियाँ
काम करते समय लोग कई बार ऐसे काम कर जाते हैं जो दूसरों को परेशान कर सकते हैं. मसलन ऑफिस की कुर्सी हिलाना, मुंह से आवाज निकालना, मोबाइल मे लाउड रिंग टोन लगाना या पेन हिलाना. यह सभी काम जानबूझ कर नहीं किए जाते लेकिन इससे आसपास बैठे दूसरे कर्मचारी परेशान होता है. पास मे बैठे कर्मचारी का ध्यान अनायास ही आपकी हरकत पर जाता रहता है. इससे यह भी पता चलता है की आपका ध्यान काम मे नहीं है आप कुछ और सोच रहे हैं.
बेवजह हँसना ठीक नहीं
महिलाओं को ऑफिस मे बात बात पर हंसी और बात करने की आदत होती है, ऑफिस मे इस तरह का बर्ताव व्यक्तित्व को कमजोर बना देता है. दूसरी तरफ पुरुषों की तीखी और तेज आवाज को उनके विकास मे सबसे बड़ी बाधा माना जाता है. तीखी आवाज़ को अधिक उग्रता का संकेत माना जाता है और दूसरों की आवाज़ इससे दब जाती है. यह ऑफिस कम्यूनिकेशन के लिए उचित नहीं है.