सिविलसर्विसेज (आईएएस) के इस साल प्री एग्जाम में मेरिट केवल प्रथम पेपर (जनरल नॉलेज) से बनेगी। जीएस-टू पेपर केवल क्वालिफाइंग रहेगा, जिसमें 33% अंक से भी काम चल जाएगा। एप्टीट्यूड टेस्ट के पहलुओं पर विचार के लिए विशेषज्ञ समिति बनेगी, जो सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न, योग्यता, पाठ्यक्रम और पद्धति जैसे मुद्दों की जांच करेगी।
सरकार समिति की सिफारिशों पर फैसला नहीं करती तब तक सामान्य अध्ययन पेपर-2 सिविल सेवा प्रारंभ परीक्षा में बना रहेगा और इसमें न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक होगा। एप्टीट्यूड से संबंधित सवाल दूसरे पेपर में होंगे और अंग्रेजी के खंड के अंक ग्रेडिंग में नहीं जोड़े जाएंगे। पहले न्यूनतम अंक लाने की शर्त नहीं थी। पिछले वर्ष जुलाई में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। सीसैट (प्रारंभिक परीक्षा में पेपर-2) में बदलाव की मांग उठने लगी थी।