EPFO: अब मात्र 20 दिन में होगा क्लेम का निपटारा | Karmachari news

नई दिल्ली। श्रम मंत्री ने एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड आर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) से जुड़े कई फैसले लिए हैं जो खाता धारकों के साथ-साथ संगठन के हित में भी है। खाताधारकों के लिए सबसे अहम फैसला लेते हुए श्रम मंत्री ने क्लेम निपटारे की अवधि 30 दिनों से घटाकर 20 दिन कर दी है। इसके अलावा जो 27,000 करोड़ रुपये बगैर क्लेम के पड़े हैं, उसे भी केंद्र सरकार से बंद करने की सिफारिश की जायेगी। इसके अलावा ईपीएफओ अपने कॉर्पस का 5 फीसदी लाभांश इक्विटी मार्केट में निवेश करेगा, यह निर्णय भी लिया गया।

ईपीएफओ कमिश्नर केके जालान के मुताबिक 'श्रम मंत्री ने ईपीएफओ कार्पस के 5 प्रतिशत को ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) रूट से बाजार में लगाने की मंजूरी दे दी है। जालान ने बताया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की सहमति से श्रम मंत्री ने कार्पस को इक्विटी मार्केट में लगाने का आदेश दे दिया है। इस साल हम केवल ईटीएफ रूट से ही निवेश करेंगे।

इस बारे में ईपीएफओ के ट्रस्टीज की 31 मार्च की बैठक में निर्णय लिया गया है जिस पर 23 अप्रैल को श्रम मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किया गया। इसके पहले वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ को अपने कार्पस का 5 से 15 प्रतिशत तक का फंड इक्विटी मार्केट में लगाने पर की बात की थी।

ईपीएफओ इस वर्ष ईटीएफ रूट से 6,000 से 7,500 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी मार्केट में करेगा। साथ ही, सरकार 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन भी जारी करेगी, जिससे 19 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा मिलना तय है।

ईपीएफओ के 8 करोड़ से ज्यादा अकाउंट में बिना क्लेम के पड़े हुए 27,000 करोड़ रुपये के बारे में जालान ने कहा कि इनमें से 2.5 करोड़ अकाउंट में केवल एक बार डिपॉजिट हुआ है। और हम केंद्र सरकार से इन्हें बंद करने की सिफारिश करेंगे।

ऐसे खातों से क्लेम करने के लिए सरकार अगले महीने से यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) अनिवार्य करने वाली है। श्रम मंत्री ने क्लेम सेटलमेंट के लिए आ‌वश्यक 30 दिन की सीलिंग को घटाकर 20 दिन करने की घोषणा कर दी है।
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