भारत में बैंड बज रही है 'मेक इन ​इंडिया' की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने बड़े गर्व के साथ 'मेक इन इंडिया' का नारा जरूर दिया था लेकिन सरकार ने इसके लिए किया कुछ नहीं। उल्टा लगातार पांचवे महीने भी निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल में सिर्फ 22 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। यह पिछले साल के अप्रैल से 14 फीसदी कम है। पिछले साल इस महीने 25.63 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। निर्यात में आखिरी बार बढ़ोतरी नवंबर 2014 में दर्ज की गई थी। तब यह 7.27 फीसदी बढ़ा था।

हम खास तौर से पेट्रोलियम उत्पाद, जेम्स एवं ज्वैलरी, मैनमेड यार्न और फैब्रिक का निर्यात करते हैं। पिछले महीने इन सबमें गिरावट दर्ज हुई है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक निर्यात के साथ आयात भी कम हुआ है। पिछले महीने 33 अरब डॉलर का आयात हुआ, जो अप्रैल 2014 से 7.48 फीसदी कम है। इस तरह वित्त वर्ष के पहले महीने व्यापार घाटा 11 अरब डॉलर का रहा है। मार्च में निर्यात 21 फीसदी गिरा था। यह बीते छह साल में सबसे बड़ी गिरावट थी। साल 2014-15 में 340 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य था, लेकिन वास्तव में 310.5 अरब डॉलर का ही निर्यात हो सका।

क्रूड में लगातार 9वें हफ्ते जारी है कीमतों में तेजी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड 1983 के बाद सबसे लंबी तेजी के करीब है। यह लगातार 9वां हफ्ता है, जब डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में तेजी की ओर बढ़ रहा है। 32 साल पहले इतनी लंबी साप्ताहिक तेजी देखने को मिली थी। दरअसल, डॉलर में कमजोरी और अमेरिका में उत्पादन गिरने की संभावना से क्रूड के दामों में उछाल आया है। साथ ही ग्लोबल स्तर पर मांग में इजाफा होने की उम्मीद भी लगाई जा रही है। अब तक क्रूड की कीमतों में निचले स्तर से करीब 50 फीसदी तक उछाल आ चुका है। साप्ताहिक आधार पर लगातार 9वें हफ्ते में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी है। हालांकि शुक्रवार को नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ 59.81 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि 8 मई (शुक्रवार) को डब्ल्यूटीआई क्रूड 59.39 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था।

If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!