शिवपुरी। रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों से घिरे सीएमओ नगरपालिका कमलेश शर्मा अब राज्य कर्मचारी आयोग के निशाने पर आ गए हैं। भोपाल में अपनी मजबूत सेटिंग के दम पर टिके सीएमओ को कर्मचारी आयोग ने सपाट शब्दों में कहा है कि यदि कर्मचारियों के साथ अन्याय किया तो एफआईआर करा दी जाएगी।
राज्य कर्मचारी आयोग के सदस्य जटाशंकर करोसिया ने नपा सीएमओ कमलेश शर्मा की जमकर क्लास ली। शिवपुरी आए आयोग के सदस्य श्री करोसिया के समक्ष यह मामला आया था कि नगर पालिका में जो सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं उन्हें अलग-अलग श्रेणी में 1 से 4 हजार रुपए ही वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी सफाई कर्मचारी को कलेक्टर रेट से कम वेतन नहीं दिया जा सकता। सफाई कर्मचारी को अकुशल श्रेणी में माना गया है इसलिए इनका वेतन 5939 रुपए बनता है। इससे कम वेतन दिया तो आयोग एससी एक्ट के तहत आपके खिलाफ एफआईआर करा देगा।
सर्किट हाउस में आयोग के सदस्य जटाशंकर ने कहा कि मप्र शासन अक्टूबर 2014 को गजट नोटिफिकेशन के जरिए यह निर्देश दे चुका है कि किसी भी सफाई कर्मचारी को अकुशल श्रेणी वाले वेतन से कम भुगतान न किया जाए। कलेक्टर दर पर जो वेतन बनता है वह 5939 का है। अत: यह वेतन ही इन सबको दिया जाए।
सदस्य और सीएमओ के बीच हुई बहस
इस मुद्दे पर आयोग सदस्य व सीएमओ में बहस भी हुई। सीएमओ का कहना था कि मेरे कार्यकाल से पहले ही इन कर्मचारियों को इनकी सहमति के आधार पर रखा गया है। नपा की इतनी आय नहीं कि इतना वेतन इन्हें दिया जा सके। आयोग सदस्य ने कहा कि पहले जो चल रहा था उसको छोड़ो और आज की बात करो। अगर अब कर्मचारियों को वेतन कम दिया तो आयोग इस बात को संज्ञान में लेकर आप सब लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। आयोग के सदस्य को कुछ महिला सफाईकर्मियों ने शिकायत करते हुए कहा कि उन्हें मात्र एक हजार रुपए ही वेतन दिया जा रहा है और वह भी तीन महीने से नहीं मिला है। शिकायत सामने आने पर आयोग सदस्य ने इन्हें कलेक्टर दर से वेतन दिए जाने के निर्देश दिए।