रतलाम। आलोट जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) निर्देशन शर्मा को रिश्वतखोरी के आरोप में पद से हटा दिया गया है। शर्मा ने दो सरपंचों से सांसद एवं विधायक निधि की राशि जारी करने से पहले 24 हजार रूपए रिश्वत की राशि ली थी। मामले में शिकायत के बाद कलेक्टर ने शर्मा को रतलाम जनपद पंचायत में अटैच कर दिया है।
आलोट जनपद पंचायत में दो दिन की अवधि में दो रिश्वतखोरी मामले सामने आएं है। गुरूवार को कलेक्टर बी चंद्रशेखर के निरीक्षण के दौरान सहायक वर्ग तीन कर्मचारी अमरचंद माली को लेकर पांच हजार रूपए रिश्वत की शिकायत की गई थी। इस पर कलेक्टर ने माली को निलंबित कर दिया। वहीं, एक अन्य मामले में ग्राम पंचायत ममुनिया और सेमलिया के सरपंच ने सीईओ निर्देशन शर्मा के खिलाफ शिकायत की है।
मंजूरी से पहले लिए रूपए
ग्राम ममुनिया व सेमलिया के सरपंचों ने कलेक्टर को शिकायत में बताया कि सीईओ शर्मा ने सांसद एवं विधायक निधि आवंटन से पहले 24 हजार रूपए रिश्वत ली है। इसकी शिकायत अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी कलेक्टर को की। इस पर कलेक्टर ने सीईओ से जवाब-तलब किया लेकिन वे अपने जवाब से कलेक्टर को संतुष्ट नहीं कर पाएं। कलेक्टर ने शुक्रवार को सीईओ को शिकायत के आधार पर पद से हटा दिया है।
रतलाम सीईओ को सौंपा चार्ज
कलेक्टर ने आलोट सीईओ शर्मा को रतलाम जनपद पंचायत में अटैच किया है। उनके स्थान पर रतलाम जनपद पंचायत के सीईओ दिनेश वर्मा को चार्ज सौंपा गया है। कलेक्टर बी चंद्रशेखर ने बताया कि आगामी आदेश तक वर्मा आलोट का प्रभार संभालेंगे। वहीं, इस संबंध में आलोट सीईओ से बात करने का प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।