मप्र: नई तबादला नीति पर हाईकोर्ट का नोटिस

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों के तबादलों के लिए बनाई गई तबादला नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किए हैं। जस्टिस आलोक अराधे की एकलपीठ ने राज्य प्रशासनिक अधिकारी संघ की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद सरकार से मामले पर अपना पक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं।

संघ ने याचिका में कहा है कि तबादला नीति में इसके लिए जिले के प्रभारी मंत्री की अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। इसके तहत कलेक्टर जिले के भीतर ही अधीनस्थ प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले बिना प्रभारी मंत्री की इजाजत के नहीं कर सकेगा। याची की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर ने कोर्ट को बताया कि भू-राजस्व संहिता की धारा 18 व 22 के तहत राजस्व व प्रशासनिक अधिकारियों के तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप पर प्रतिबंध लगाती है फिर इस मामले में एेसा कर इन धाराओं का उल्लंघन किया जा रहा है।

शेखर ने तर्क दिया कि नियमों के खिलाफ प्रभारी मंत्रियों को ये अधिकार दिए गए हैं, इससे प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाएगा। उन्होंने इस आधार पर उक्त नीति को अवैधानिक घोषित करने की मांग की। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार सहित याचिका में बनाए गए अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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