भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना में कांस्टेबल की मौत की जांच एसआईटी (विशेष जांच दल) से कराने का एलान किया है। धर्मेंद्र चौहान नाम के कांस्टेबल मुरैना में रेत के अवैध खनन का विरोध करने पर रविवार को हत्या हुई थी। इधर माफियाराज के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया।
क्यों गई कांस्टेबल की जान?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये भी कहा कि इस मामले में सख़्त से सख़्त कार्रवाई होगी और मृतक के बच्चों कोे मुफ़्त शिक्षा दी जाएगी। धर्मेंद्र ने अवैध तौर पर खनन की गई रेत को ले जा रहे डंपर को रोकने की कोशिश की थी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
क़रीब तीन साल पहले आईपीएस अधिकारी नरेंद्र तोमर की भी 'तब कुचलकर मौत हो गई' थी जब उन्होंने अवैध रूप से खोदी गई रेत को ले जा रहे एक ट्रैक्टर का पीछा किया था।
कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
भोपाल। मध्यप्रदेश में रेत माफिया के डंपर से कुचलकर हुई कांस्टेबल की मौत को लेकर शिवराज सरकार पर हमले तेज हो गए हैं। भोपाल में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। घटना के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुतले भी जलाए गए।
कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के राज में रेत माफिया बेखौफ हैं और चंबल इलाके में पुलिस और कानून व्यवस्था चरमरा गई है। कांग्रेस की मांग है कि इस मामले सरकार जल्द से जल्द कार्रवाई करे और दोषियों को सजा दे।
गौरतलब है कि रविवार को मुरैना में धर्मेंद्र चौहान नाम के एक सिपाही को रेत से भरे डंपर ने कुचल कर मार दिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी जांच के आदेश दिए है। सिपाही धर्मेंद्र नूराबाद थाने में तैनात थे। मुरैना इस तरह की घटनाओं के लिए काफी बदनाम रहा है। रेत माफिया से लोहा लेने के कारण मुरैना में ही आईपीएस नरेंद्र कुमार की भी जान चली गयी थी।
