जबलपुर। ज्वाइंट इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई मेन) में करीब एक घंटा देरी से पहुंची स्टूडेंट ने पूरे रुतबे के साथ एग्जाम दिया। राजनीतिक रसूख के चलते कलेक्टर रूपनारायण रूपला ने खुद एग्जाम कंट्रोलर को फोन कर उसे बैठाने को कहा।
उसके बाद सीबीएसई के नियम मिनटों में बदल गए। इस स्टूडेंट को परीक्षा देने दिया गया, जबकि शहर के अन्य सेंटर पर कुछ मिनटों की देरी से पहुंचे स्टूडेंट्स को इंट्री नहीं मिली। ये सब एग्जाम के सिटी को-आर्डिनेटर सेंटर संत अलायसियस स्कूल सदर में हुआ।
क्या है मामला
शनिवार को शहर के 17 स्कूलों में जेईई एग्जाम था। सुबह 9 बजे से एग्जाम शुरू हुआ। छात्रा शिवानी सोनी 9:30 बजे के बाद संत अलायसिस स्थित सेंटर पहुंची तो उसे इंट्री देने से मना कर दिया गया। इतने में छात्रा के परिजनों ने सांसद, विधायक को फोन कर दिए। कुछ ही देर में सांसद राकेश सिंह और कलेक्टर एसएन रूपला का फोन स्कूल प्रबंधन के पास पहुंच गया।
इसके बाद प्रबंधन ने छात्रा को स्पेशल ट्रीटमेंट देने पर सहमति दी लेकिन कई पर्यवेक्षकों ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए प्रबंधन के सामने अपत्ति भी दर्ज कराई। इस पूरे ड्रामे में करीब एक घंटा बीत गया। करीब 11 बजे स्कूल प्रबंधन ने शिवानी को एग्जाम में बैठाने की व्यवस्था की। सूत्रों के मुताबिक छात्रा से हैंड रिटेन एप्लीकेशन भी ली गई।
अन्य अभ्यर्थियों ने जताई नाराजगी
देर से एग्जाम सेंटर में आने के कारण इंट्री पाने से चूके दर्जनों स्टूडेंट गेट के बाहर परेशान थे। कुछ को इसकी भनक लगी तो उन्होंने प्रबंधन के दोहरे मापदंड पर नाराजगी भी जाहिर की।
आधे घंटे बाद नो इंट्री
सीबीएसई ने जेईईई मेन के लिए एग्जाम शेड्यूल तय किया था। इसमें पहली शिफ्ट में 9 बजे सेंटर में स्टूडेंट को इंट्री दी जानी थी। 9:30 बजे के बाद किसी भी हाल में स्टूडेंट को सेंटर के अंदर इन्ट्री नहीं दी जाए। बोर्ड ने पब्लिक नोटिस में इस बात को साफ किया था।
पढ़िए लीपापोती वाले बड़ेबोल
कोई लड़की ज्यादा लेट नहीं हुई थी। हमने किसी को भी स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया। एग्जाम के दौरान मीडिया से बात नहीं की जा सकती है।
फादर तंकचन जोंस, प्राचार्य, संत अलायसियस स्कूल
अंडर टेकिंग लेकर स्टूडेंट को बैठा सकते हैं। वह डेढ़ घंटे लेट नहीं थी, सिर्फ 5 मिनट ही देरी से पहुंची थी। इंट्री नहीं मिलने से वह बेहोश हो गई। अब न्याय किया तो अन्याय हो गया क्या?
एसएन रूपला, कलेक्टर
हमारे पास कटनी के रीठी से कार्यकर्ता सुनील अग्रवाल का फोन आया था। उनका कहना था भाई साहब एक लड़की संत अलायसियस स्कूल के सामने खड़ी रो रही है। पांच मिनट लेट होने के कारण उसे बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है। कार्यकर्ता खुद उसे नहीं जानता था। उसके कहने पर मैंने कलेक्टर को सहयोग के लिए कहा। मैं उस लड़की को जानता तक नहीं हूं। यदि मुझे पता होता कि वहां और भी लड़कियां परेशान थी तो मैं उनके लिए भी सहयोग करता। ये तो वैसा ही हुआ कि होम करे हाथ जले।
राकेश सिंह, सांसद
