जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने समाजसेवी किशोर दुआ की जनहित याचिका का इस निर्देश के साथ निपटारा कर दिया कि बीडी मूलचंदानी को नियमविरुद्घ तरीके से जनपद पंचायत अमरपुर का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाए जाने के मामले की विधिवत जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व जस्टिस एसके गंगेले की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने रखा। उन्होंने दलील दी कि 5 नवंबर 2011 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डिंडौरी ने एक आदेश के जरिए हाईस्कूल खुड़िया के प्रभारी प्राचार्य बीडी मूलचंदानी को विक्रम सिंह भूटानिया की जगह पर प्रभारी परियोजना अधिकारी केसला होशंगाबाद के पद पर नियुक्त कर दिया गया। यही नहीं आगे चलकर 26 जून 2014 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डिंडौरी ने एक आदेश के जरिए बीडी मूलचंदानी को जनपद पंचायत अमरपुर के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीएस नरवेती की जगह सीईओ को प्रभार सौंप दिया गया।
नियम का उल्लंघन
जनहित याचिकाकर्ता के वकील ने शासकीय आदेश व परिपत्र का हवाला देते हुए कहा कि नियमानुसार जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अस्थाई प्रभार पशु चिकित्सक संवर्ग और शिक्षक संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को नहीं सौंपा जा सकता। इस संबंध में 30 अक्टूबर 2010 को सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अजय तिर्की ने राज्य के सभी कलेक्टर्स को पत्र जारी किया था। इसके बावजूद ऐसा किया गया। इससे साफ है कि पर्दे के पीछे सेटिंग या दबाव का कोई खेल चल रहा है?
