भोपाल। सरकारी राशन दुकानों को खोलने से पहले अब वहां की आबादी को देखा जाएगा। शहरी क्षेत्र में हर 800 परिवारों की आबादी पर 1 राशन की दुकान खोली जाएगी और परिवारों की संख्या इससे ज्यादा होने पर दूसरी राशन दुकान खोली जाएगी।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में सभी ग्राम पंचायतों में 1 राशन दुकान रहेगी, और 800 परिवारों से ज्यादा संख्या होने पर यहां दूसरी दुकान खोली जाएगी। अभी तक राशन दुकान खोलने के लिए परिवारों की संख्या फिक्स नहीं थी। दरअसल, राज्य सरकार राशनिंग सिस्टम में पूरी तरह से बदलाव करने जा रही है।
इसमें राशन दुकानों का नए सिरे आवंटन किया जाएगा और एक तिहाई दुकानों के संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी जाएगी। सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जुलाई माह से इस सेटअप को लागू करना है। हालांकि इतनी बड़ी व्यवस्था को बदलने के लिए आगे क्या करना है ये दिशा निर्देश जारी होने बाकी हैं।
- ऐसे होगा राशन दुकान का आवंटन
- एक दुकान के लिए यदि ज्यादा आवेदन मिलेंगे तो लॉटरी सिस्टम से आवंटन होगा।
- तीन साल तक ही दुकान का संचालन करने मिलेगा।
- शहरी क्षेत्र में किसी एक सहकारी सोसायटी या संस्था को एक से ज्यादा दुकान नहीं मिलेंगी।
- दुकान लेने वाले के पास एक माह का राशन खरीदने लायक फंड होना चाहिए।
- राशन दुकान का आवेदन वही करेगा जो 12वीं पास हो। यदि ऐसा नहीं है तब 10वीं की मार्कशीट लगाना होगी।
- राशन देने वाले कर्मचारियों को एप्रिन पहनना होगा। दुकान से राशन के अलावा कोई दूसरी सामग्री नहीं बेची जा सकेगी।
- जिले की सभी दुकानों में से एक तिहाई राशन दुकानें महिलाओं के लिए रिजर्व रहेंगी।
- इनका संचालन भी महिला ही करेगी और ऐसी संस्थाओं की सदस्य भी महिलाएं ही होंगी।
कम्प्यूटराइजेशन भी होना बाकी
प्रदेश की सभी राशन दुकानों में कम्प्यूटराइजेशन के अलावा थंब इम्प्रेशन के जरिए राशन देने की व्यवस्था भी जुलाई तक शुरू करना है, लेकिन अभी तक अधिकांश जिलों में काम शुरू ही नहीं हो सका। इस नई व्यवस्था में कार्डधारी के पास आधार नंबर, समग्र आईडी होना जरूरी रहेगा। इसके अलावा राशन दुकान चलाने वाले को कम्प्यूटर, थंब डिटेक्टर जैसे सिस्टम खरीदने होंगे।
सर्वे के बाद बदलता सेटअप
खाद्य विभाग के जरिए साल 2003-04 में सर्वे कराया गया था। इसके बाद कभी सर्वे नहीं हो सका। नतीजा ये निकल रहा है कि लाखों की संख्या में फर्जी लोग राशन कार्ड बना चुके हैं। नियमानुसार तो पहले सर्वे होना चाहिए फिर नया सेटअप तैयार किया जाता।
नोटिफिकेशन तो जारी कर दिया गया है, अब किस तरह से आगे के काम होंगे इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
