रायसेन। अपने नए नए गबन के मामलों में हमेशा जिले की जिला सहकारी बैंक सुर्खियों में रही है। पूर्व में महाप्रबंधक पीएस धनवाल द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच खत्म ही नहीं हुई थी कि अब बैंक के नए महाप्रबंधक के के रेकवार के आने के बाद भी बैंक में भ्रष्टाचार का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
इस बार बैंक में खरीदी केन्द्रों पर बोरों की सिलाई किए जाने के लिए धागा खरीदी में अनियमित्तता की शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर जे के जैन के निर्देश पर संयुक्त कलेक्टर गजेन्द्र सिंह नागेश ने बैंक को सील कर दिया गया।
जिससे बैंक के कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। सूत्रों की माने तो खरीदी केन्द्रों पर धागा सीधे सोसाईटियों को ही खरीदा जाना था लेकिन कमीशन और हेराफेरी के फेर में हमेशा विख्यात हो चुका जिला सहकारी बैंक के अफसरों ने बिना किसी निविदा औन बिना किसी आदेश के मौखिक तौर पर ही बड़े पैमाने पर धागा खरीदी कर ली गई और जिला सहकारी बैंक की शाखा एम ई महामाया चौक पर बड़ी मात्रा में धागे के बाक्स रखे गए जहां से सोसाइटियों को धागा सप्लाई किए जाने का पूरा प्लान था। लेकिन कमीशनखोरी और अनियमित्तता के इस प्लान पर पानी फिर गया। जब देर रात्रि में बैंक के बंद हो जाने के बाद रात्रि 10.45 बजे लाव लश्कर के साथ पहुंचे डिप्टी कलेक्टर, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं और पुलिस के अधिकारियों ने बैंक में छापा मार दिया। इस दौरान बैंक संगीनों के साए में नजर आई। जांच पड़ताल के बाद बिना किसी लिखा पढ़ी के बढ़ी मात्रा में 31 धागा बाक्स पाए जाने पर बैंक को रात्रि 11.30 पर सील करते हुए रखी गई सामग्री की सुपुर्दगी बैंक के शाखा प्रबंधक आर के चौबे को देते हुए पूरे मामले को जांच में ले लिया गया।
धागा खरीदी में लाखों का खेल:-
समर्थन मूल्य खरीदी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जिलेभर में गेहूं खरीदी के लिए लगभग लगभग एक करोड़ रुपए के धागे की खरीदी की गई है। इसका सीधा गणित ये है कि धागे के एक गिट्टे से 70-72 बोरियां सिली जा सकती हैं। इस बार जिले में 5.50 लाख क्विंटल गेहूं खरीदी का लक्ष्य है। 50 किलो की बोरी भरती की जाती है। लिहाजा एक लाख दस हजार बोरियों को सिला जाना है। जिसके लिए लगभग 15700 गिट्टे धागे के लगेेंगे। एक गिट्टे की कीमत 80 रुपए बताई जा रही है। इससे जाहिर है कि लगभग सवा करोड़ रुपए के धागे की खरीदी की गई है।
नहीं हो सका लेनदेन:-
बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे धागे के खेल में धागे के बाक्स लाकर रूम में रखे गए थे। बैंक में कार्रवाई के दौरान लाकर रूम को भी प्रशासन को सील करना पड़ा। वहीं सुबह होते ही बैंक के खुलने के बाद लेनदेन करने पहुंचे लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। क्योंकि डबल लाकर रूम के प्रवेश के दौरान दरवाजा सील किया गया। फिर बाद में करीब 11 बजे डिप्टी कलेक्टर गजेन्द्र सिंह नागेश ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए सील खोली जिसके बाद बैंक में लेनदेन प्रारंभ हो सका।
पहले भी उजागर हुए हैं मामले
जिला सहकारी बैंक अनियमितता के लिए हमेशा चर्चाओं में रहा है। दो साल पहले इसी एमई शाखा में लगभग ढाई करोड़ के गबन का मामला सामने आया था। जिसमें पुलिस की सांठगांठ के चलते आज भी बैंक के गबन के मामले के आरोपी संजीव दुबे, कविकांत जायसवाल अभी तक फरार है। वहीं ढ़ाई करोड़ के गबन मामले में बैंक के महाप्रबंधक पीएस धनवाल को जमानत मिल गई।
इनका कहना है:-
जिला सहकारी बैंक की महामाया चौक एमई शाखा सहित जिले में दो अन्य जगहों पर रखे धागे के बाक्सों को सील किया गया है। इसकी जांच कराई जाएगी। कुछ अनियमितताओं के चलते ऐसा किया गया है। रायसेन शाखा में 31 बाक्स धागा के पाए जाने पर सील किया गया है। फिलाहल मामला जांच में है
गजेंद्र सिंह नागेश, संयुक्त कलेक्टर रायसेन