भोपाल। सेहत के लिए सिर्फ फास्ट फूड ही नहीं, दालें, तेल, दूध और घी जैसे खाद्य पदार्थ भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए जा रहे खाद्य पदार्थों के नमूनों में हर पांचवा नमूना फेल हो रहा है।
यानी इन खाद्य पदार्थों में मिलावट की जा रही है। मिलावटी खाद्य पदार्थों से पैदा हो रहे खतरे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 7 अप्रैल को मनाए जा रहे विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम ही 'फूड सेफ्टी' (खाद्य सुरक्षा) रखी है।
408 में से 79 नमूने फेल
खाद्य एंव औषधि प्रशासन ने दो साल में 408 नमूने लिए हैं। इनमें से 79 नमूने फेल हुए। इनमें कई खाद्य पदार्थ अमानक व असुरक्षित पाए गए हैं। इस तरह दो साल में लिया गया हर पांचवां नमूना फेल हुआ। इससे साफ है कि बाजार में मिल रहे खाद्य पदार्थ सेहत खराब कर सकते हैं।
कलर फूड हो सकते हैं हानिकारक
खाद्य पदार्थों में मिलावट गेस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसीज से लेकर कैंसर तक का कारण बन सकती है। खाद्य पदार्थों को संरक्षित रखने आजीनोमोटो नामक खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे गाल ब्लेडर और बड़ी आंत का कैंसर होता है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों में पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल भी खतरनाक साबित होता है।
मिलावटखोरी पर लगाम नहीं
एक तरफ जहां मिलावटी खाद्य पदार्थों के खतरे बढ़ते जा रहे हैं, वहीं खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन नहीं होने से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। राजधानी में पिछले एक साल में किसी भी मिलावटखोर को सजा नहीं हुई है। मिलावट करने वाले एक्ट की कमियों का भी लाभ उठा रहे हैं। पिछले एक्ट में मिलावट करने पर सजा का प्रावधान था, लेकिन नए एक्ट में हल्की मिलावट करने वालों को केवल जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है। जिसके चलते मिलावट खोरों में कानून का डर नहीं है।
- इन पदार्थों में मिली गड़बड़ी
- प्रति मसाला पावडर- मिथ्याछाप
- तुअर दाल- मिथ्याछाप
- मावा खुला- अवमानक
- मावा रोल- असुरक्षित
- पनीर खुला-अवमानक
- शान मसाला पापड़-मिथ्याछाप
- एनी टाइम विनेगर- मिथ्याछाप
- स्पेंशर मीट मसाला- मिथ्याछाप
- एमएमएक्स बैकरी काजू कुकीज- मिथ्याछाप
- सोयाबीन ऑयल- अवमानक
- बेसन खुला- अवमानक
- अमूल फुल केसर होमोजेनाइज्ड टोंड मिल्क- मिथ्याछाप
- स्टरलाइज्ड होमोजेनाइज्ड फ्लेवर्ड टोंड मिल्क- मिथ्याछाप
- एनी टाइम मोटी सेवई- मिथ्याछाप
- योगीराज गुलाब ब्रांड मामरा- मिथ्याछाप
- मोन्सटर कैफिनेटेड बेवरेज- असुरक्षित
- अंशी कार्न फलोर- मिथ्याछाप
- पनीर- अवमानक
- सिल्वर कॉइन मैदा- मिथ्याछाप
- ब्रिटानिया न्यूट्रिचॉयस ओट्स- असुरक्षित
- गाय भैंस का मिश्रित दूध खुला- अवमानक
- हाक्का नूडल्स- मिथ्याछाप
- सोयाबीन तेल- अवमानक
- एनी टाइम मोटी सेवई- मिथ्याछाप
- रजनीगंधा फ्लेवर्ड पान मसाला- असुरक्षित एवं अवमानक
- घी (खुला)-अवमानक
- फूल कलर- अवमानक
- सांची घी (पैक्ड) अवमानक मिथ्याछाप
(यह नमूने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानों से प्राप्त किए गए। इनकी जांच खाद्य सुरक्षा लैब में की गई।)
खाद्य पदार्थों में सबसे खतरनाक मिलावट प्रिजर्वेटिव के रूप में हो रही है। इनसे बड़ी आंत व गाल ब्लेडर का कैंसर होता है।
डॉ. श्याम अग्रवाल, कैंसर रोग विशेषज्ञ, नवोदय कैंसर अस्पताल
फूड सेफ्टी एक्ट का पालन पूरी तरह किया जा रहा है, जिससे लोगों की सेहत से खिलवाड़ को रोका जा सके।
प्रमोद शुक्ला, ज्वाइंट कंट्रोलर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन