महिलाओं को धर्मगुरूओं के साथ बैठने का अधिकार नहीं: सीएम की मौजूदगी में...

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नई दिल्ली। भाजपा सरकार हमेशा से नारी सशक्तिकरण की गाथा गाती आई है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल ही जुदा है। महाराष्ट्र के एक मंदिर का वाकया जानकर आप भी कहेंगे कि भारत में महिलाओं को समानता का अधिकार मिलने में अब भी काफी समय है। दुर्भाग्यपूर्ण यह कि नारि सशक्तिकरण को चोट पहुंचाने वाली यह घटना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के मौजूदगी में हुई। 

घटना महाराष्ट्र के दादर स्थित स्वामी नारायण मंदिर की है। मंदिर में एक महिला पत्रकार को सबसे आगे की लाइन में धर्मगुरुओं के पास नहीं बैठने दिया गया। महिला को धर्मगुरुओं के पास न बैठाने के पीछे तर्क यह दिया गया कि 'हमारी संस्कृति में महिलाओं को आगे या गुरु के पास बैठने की अनुमति नहीं है ।' उस वक्त मंदिर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। दरअसल गोवंश हत्या बंदी को लागू किए जाने को लेकर मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। क्षेत्रीय चैनल की महिला पत्रकार कार्यक्रम की कवरेज करने गई थीं। उन्हें शुरुआत की तीन लाइनों में नहीं बैठने दिया गया। इस लाइन में और मंच पर कई धर्मगुरु बैठे हुए थे। महिला रिपोर्टर के अनुसार आयोजकों का कहना था कि वे महिला होने की वजह से धर्मगुरुओं के साथ नहीं बैठ सकती हैं और उन्हें चौथी लाइन में बैठा दिया गया। इस मसले पर सीएम देवेंद्र फडणवीस से जब प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि महिलाओं और पुरुषों में भेद करना गलत है। 
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