शिवपुरी। राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप पीपीपी के आधार पर निजी हाथों मे सौंपने जा रही है जिससे नाराज कर्मचारी संगठनों ने आज सैकड़ों की संख्या मे एकत्रित होकर माननीय मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश शिवपुरी की ओर से संयुक्त कलेक्टर बीपी माथुर को ज्ञापन सौंपा।
म.प्र. कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा एवं अध्यापक नेता राजकुमार सरैया ने संयुक्त रूप से वताया कि ज्ञापन मे राज्य सरकार का ध्यान अध्यापकों एवं शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य जनगणना, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, स्वास्थ्य विभाग का कृमिनाशक गोली वटवाना, राजस्व विभाग द्वारा षिक्षकों से जाति व आय प्रमाण पत्र वनवाना, मध्यान्ह भोजन बटवानो, बालक बालिका शौचालय बनवाना आदि कार्य कराये जाने पर केन्द्रित कर मांग की गई है कि यदि सरकार शिक्षा के प्रति वाकई गंभीर है तो आए दिन किये जा रहे प्रयोगों को बंद कर षिक्षकों एवं अध्यापकों से सिर्फ शैक्षणिक कार्य ही कराये जिससे छात्र एवं प्रदेश का हित होगा। तथा अध्यापकों की समस्याओं को लेकर वताया कि 17 सालों मे अध्यापकों को मृत्यू बीमा, पुरूष स्थानांतरण नीति, रिटायर्टमेंट पर ग्रेच्युटी का लाभ नही मिल पाया हैै और वे जिस शिक्षा विभाग का काम कर रहे हैं उस शिक्षा विभाग के कर्मचारी तक नहीं वन पायें हैं। शिक्षकों व अध्यापकों का कार्य समान होने पर भी दोनों की वेतन मे जमीन आसमान का अंतर है। व जिले स्तर पर पदोन्नति, समय पर क्रमोन्नति का लाभ, अंशदायी पेंशन की पासबुकों का संधारण, समय पर वेतन व एरियर की राशि का भुगतान, अलग अलग संकुलों पर वेतन मे असमानता,विकास खण्ड व जिलास्तर पर समस्याओं के निराकरण हेतू शिविरों का आयोजन करवाना, सभी विभाग प्रमुखों द्वारा परामर्श दात्री की वैठक का आयोजन शीघ्र करवाये जाने हेतू ज्ञापन सौंपा गया।
सरकारी स्कूलों के निजीकरण पीपीपी के विरोध मे एवं अध्यापकों की जिलास्तरीय समस्याओं के निरीाकरण को लेकर कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों मे प्रमुख रूप से कर्मचारी कांग्रेस के जिला संगठक चन्द्रशेखर शर्मा, राजेन्द्र पिपलौदा, राजकुमार सरैया, सुनील उपाध्याय, उपाध्यक्ष अरविन्द सरैया, रसीद खां शाविर, मोहम्मद रासिद, सुशील अग्रवाल, दुर्गा प्रसाद ग्वाल, गोविन्द अवस्थी, संजय भार्गव राष्ट्रीय , स्नेह रघुवंशी, धर्मेन्द्र रघुवंशी, मनमोहन जाटव, दिलीप त्रिवेदी, अशोक शर्मा, श्रवण बाथम, राजीव वाथम, हुकुम सिंह राजे, राजेन्दे चाहर, रामकृष्ण रघुवंशी, मनोज भार्गव, प्रमोद भार्गव, जितेन्द्र शर्मा, अतर सिंह धानुक, अमरदीप श्रीवास्तव, राजविहारी शर्मा, अनिल दांगी, महेश शर्मा, रवीन्द्र द्विवेदी, कैलाश शर्मा, अषोक भटनागर महावीर मुदगल, सुनील मौर्य, राजेश खत्री, राधेश्याम शर्मा, वृजेन्द्र भार्गव, दीपक बाथम आदि एक सैंकड़ा कर्मचारी शिक्षक मौजूद थे।
