ग्वालियर। व्यापमं घोटाले के केसों की सुनवाई के लिए 3 नए न्यायालयों का गठन किया गया है। नए न्यायालय बनने से अब 4 न्यायालयों में केसों की सुनवाई होगी। चारों जजों को बराबर-बराबर केस बांटे जाएंगे, जो नियमित केसों की सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं के केसों की डे टू डे सुनवाई के निर्देश दिए हैं। ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में एक विशेष कोर्ट बना था, जबकि आरोपियों की संख्या अधिक थी। इस कारण केसों की सुनवाई में गति नहीं आ पा रही थी। इसको लेकर तीन नए विशेष न्यायालय बनाए हैं, जो व्यापमं के केसों की सुनवाई करेंगे। विशेष न्यायाधीश धर्मेन्द्र सिंह, विशेष न्यायाधीश ललित किशोर गर्ग, विशेष न्यायाधीश एके सोहाने ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विशेष सत्र न्यायाधीश सतीशचन्द्र शर्मा के कोर्ट से केसों को तीनों न्यायालयों में स्थानांतरण किया जा रहा है। अबतक व्यापमं के केसों की सुनवाई सतीशचन्द्र शर्मा के कोर्ट में होती थी।
विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति नहीं
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई के लिए चार न्यायालय हो गए हैं, लेकिन शासन विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति अबतक नहीं कर पाया है। विशेष लोक अभियोजक नहीं होने से ट्रायल शुरू नहीं पाई है, क्योंकि आरोपियों पर आरोप तय करने के लिए सरकारी वकील की जरूरत है। इससे ट्रायल में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति आड़े आ सकती है।
ग्वालियर में सबसे अधिक आरोपी
व्यापमं कांड में ग्वालियर से सबसे अधिक आरोपी हैं। इनकी संख्या को देखते हुए ट्रायल के लिए चार न्यायालय बनाए हैं। लगभग 300 आरोपियों की सुनवाई ग्वालियर में होनी है। पुलिस ने कोर्ट में इनका ओरिजनल रिकॉर्ड भी पेश नहीं किया है, न ही आरोपियों को चालन की कॉपी उपलब्ध कराई है।
हाईकोर्ट ने की 15 आरोपियों की जमानत खारिज
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने सोमवार को पीएमटी कांड के 15 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। इन जमानतों के खारिज होने के बाद अन्य अधिवक्ताओं ने अपनी याचिका की तारीख बढ़वा ली। हाईकोर्ट में 67 आरोपियों की जमानत याचिकाएं सुनवाई पर थीं।