व्यापमं के मोस्टवांटेड संग शिवराज का सार्वजनिक कार्यक्रम

भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं घोटाले के एक मोस्टवांटेड के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम में खुलेआम हिस्सा लिया। व्यापमं घोटाले का मोस्टवांटेड डाॅ.गुलाबसिंह किरार पिछले 8 महीने से फरार है और पुलिस को उसकी तलाश है। मजेदार बात तो यह है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी के कारण पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने का प्रयास तक नहीं किया।

सोमवार को बाड़ी में अखिल भारतीय किरार समाज के 10 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे। उनके साथ व्यापमं मामले के आरोपी डॉ.गुलाब सिंह भी मौजूद रहे। सीएम ने अपना भाषण शुरू करने से पहले मंच पर मौजूद अतिथियों के साथ डॉ गुलाब सिंह का अभिवादन किया। यहां बता दें कि फरार आरोपी गुलाब सिंह एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दोनों ही किरार समाज से आते हैं एवं समाज के बड़े नेता कहलाते हैं।

शिवराज व साधना सिंह के साथ मोस्टवांटेड के पोस्टर

रायसेन जिले के बरेली में अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा का 10 वें राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी में डॉ गुलाब सिंह दो दिन से लगे हुए थे। वे लालबती की गाड़ी में घूम रहे हैं और पुलिस अधिकारियों के संपर्क में भी रहे। क्योंकि वह महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी हैं। वे खुद को सीएम का नजदीकी भी बताते हैं। पूरे प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान व साधना सिंह के साथ गुलाब सिंह किरार के रंगीन पोस्टर पूरे प्रदेश के अलावा देशभर में चस्पा किए गए हैं। इन्हीं गुलाब सिंह किरार को एसआईटी तमाम कोशिशों के बाद भी तलाश नहीं कर पा रही है।

कांग्रेस ने दर्ज कराया विरोध

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने सोमवार को रायसेन जिले के बरेली में एक समाज विशेष के कार्यक्रम में व्यापमं महाघोटाले के फरार आरोपी डाॅ.गुलाबसिंह किरार के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा मंच साझा किये जाने को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि ये स्थितियां साबित कर रही हैं कि व्यापमं महाघोटाला न केवल मुख्यमंत्री के संरक्षण में फला-फूला है, बल्कि इस घोटाले से संबद्ध बड़ी मछलियों को भी वे ही बचा रहे हैं। ये प्रमाण मुख्यमंत्री के उस कथन को झूठा साबित करने के लिए पर्याप्त है, जिसमें वे इस घोटाले को लेकर बारबार यह कहते आये हैं कि ‘‘कानून अपना काम करेगा।’’ उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में राज्य मंत्रि मंडल के सदस्य रामपालसिंह भी शामिल थे।

आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने कहा कि व्यापमं महाघोटाले को लेकर मुख्यमंत्री के करीबी, जिन्हें उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य भी मनोनीत कर राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दे रखा है, के विरूद्व ग्वालियर एसटीएफ द्वारा 16 जुलाई 2014 को डाॅ. गुलाबसिंह किरार और उनके पुत्र डाॅ. शक्तिसिंह के विरूद्व धारा 419 और 420 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

पुलिस दस्तावेजों में वे अभी तक न केवल फरार हैं, बल्कि हाईकोर्ट से उनकी जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है, उसके बाद भी एक फरार आरोपी का मुख्यमंत्री के साथ सार्वजनिक तौर पर मंच साझा करना कानून और पुलिस को सीधी चुनौती दे रहा है।

मिश्रा ने आश्चर्य व्यक्त किया कि एक ओर व्यापमं महाघोटाले में घिरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कथित तौर पर स्वयं की बेगुनाही साबित करते हुए बारबार यही दोहराते हैं कि ‘‘कानून अपना काम करेगा।’’ लिहाजा, मुख्य मंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके संरक्षण में उनकी ही मौजूदगी में एक फरार आरोपी कैसे मौजूद रहा, स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसी एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया और 8 माह से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद भी इस फरार आरोपी को मुख्यमंत्री ने अब तक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य क्यों बनाये रखा है।

मिश्रा ने एक बार दोहराया कि ये सभी स्थितियां कांग्रेस के उस आरोप की सच्चाई को प्रमाणित कर रही हैं कि व्यापम महाघोटाला न केवल मुख्यमंत्री को संरक्षण में हुआ है, बल्कि बड़ी मछलियों की पीठ पर भी उनका ही हाथ होने और सत्ता के प्रभाव में ही उन पर कोई जाल नहीं बिछाया जा रहा है। 

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