भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया है कि किसानों का कमजोर गेंहू भी खरीदा जाएगा ताकि उन्हें बर्बादी से बचाया जा सके। सीएम का कहना है कि इसके लिए केन्द्र सरकार से पत्रचार करना होगा, राज्य सरकार सभी जरूरी कार्रवाईयां करेगी।
मध्यप्रदेश में बारिश व ओले से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए अनुपूरक बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। मुआवजे की राशि यदि और बढ़ती है तो उसे भी राज्य सरकार अन्य मदों से प्रदान करेगी। इसे राजस्व नियमों के अनुसार किसानों को प्रदान किया जाएगा। प्राकृतिक आपदा में फसलों को हुई क्षति पर राज्य सरकार अब तक में करीब 12 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा बांट चुकी है। पिछले वर्ष भी करीब 22 सौ करोड़ रुपए बांटा गया था। सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अनुपूरक बजट में मुआवजे के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा भी यदि राशि की जरुरत पड़ेगी तो सरकार अन्य मदों से राशि मुहैया कराएगी।
कमजोर गेहूं की खरीदी भी होगी
ओला व बारिश से गेहूं की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। ऐसे में जो गेहूं कमजोर पड़ गया है, उसकी खरीदी करने के लिए राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिखेगी। केंद्र से कहा जाएगा कि कमजोर गेहूं की खरीदी भी की जाए। सरकार ने बड़े व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर एक बड़ा फैसला लिया। कैबिनेट ने वैट अधिनियम- 2006 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसमें गेहूं व धान पर वार्षिक क्रय कर की सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया गया है। सरकार का तर्क है कि इससे प्रदेश में निजी व्यापारी बाजार में किसानों से उचित रेट पर गेहूं व धान खरीदी में रुचि दिखाएंगे। इसका फायदा किसानों को होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल डेढ़ दर्जन से अधिक प्रस्ताव रखे गए। इसमें से कुछ को छोड़कर बाकी सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।