भोपाल। हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल के डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। वो सुल्तानिया अस्पताल अधीक्षक व कर्मचारियों के निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। याद दिला दें कि इस अस्पताल में पलंग टूट जाने के कारण एक प्रसूता की मौत हो गई थी।
हड़तालियों का कहना है कि स्थिति से अवगत कराना अधिकारियों का काम है, जो किया गया था। सरकार ने पलंग उपलब्ध नहीं कराए, इसमें अधीक्षक व स्टाफ की क्या गलती।
सुल्तानिया में अधीक्षक समेत पांच के निलंबन के विरोध में शुक्रवार से हमीदिया-सुल्तानिया अस्पताल के डॉक्टर-कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि दो दिन (सोमवार-मंगलवार) की सांकेतिक हड़ताल के बाद भी अगर शासन ने निलंबित डॉक्टर, नर्सेस व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली नहीं की तो बुधवार से बेमियादी हड़ताल शुरू की जाएगी। 22 जनवरी से नर्सेस भी हड़ताल करेंगी। 31 जनवरी तक दो घंटे बाद काम शुरू करेंगी। इसके बाद काम बंद हड़ताल शुरू की जाएगी। बता दें कि मप्र मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, मप्र तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ भी हड़ताल के समर्थन में है।
मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इमरजेंसी में दूसरे अस्पतालों से डॉक्टर बुलाए जाएंगे।
डॉ. डीके पाल, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल