अकेला पड़ा नगरनिगम, विधायक से लेकर मंत्री तक सब खिलाफ

भोपाल। बीआरटीएस की डेडिकेटेड लेन में स्कूल-कॉलेज बसें चलाने को लेकर जनप्रतिनिधि भी सहमत हैं। मंत्रियों और विधायकों का कहना है कि इससे मिक्स्ड लेन में ट्रैफिक कम होगा। साथ ही यहां दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी। डेडिकेटेड लेन में स्कूल-कॉलेज बसें चलेंगी तो इनकी भी स्पीड बढ़ेगी और स्टूडेंट जल्द स्कूल, कॉलेज और घर पहुंच सकेंगे।

पहले इंदौर में भी डेडिकेटेड लेन में अन्य वाहनों को चलने की परमिशन नहीं थी, लेकिन 1 अक्टूबर 2013 को हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर इंदौर बीआरटीएस में कार चलाने की परमिशन देने का फैसला दिया है। कोर्ट ने माना है कि भविष्य में 70 हजार यात्रियों के लिए बाकी 20 लाख की आबादी को मिक्स्ड लेन तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।

इस फैसले के बाद से इंदौर में डेडिकेटेड लेन में कार चलाने की अनुमति इंदौर नगर निगम ने दे दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस फैसले के लागू होने से इंदौर में बीआरटीएस की मिक्स्ड लेन में ट्रैफिक का दबाव 20 फीसदी तक कम हो गया है। भोपाल में भी ऐसा संभव है।

जल्द फैसला लें कलेक्टर
कलेक्टर इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवाएं और यदि स्कूल-कॉलेज बसों को डेडिकेटेड लेन में चलने से लोगों को सुविधा हो तो जल्द ही फैसला भी लें।''
बाबूलाल गौर, गृह मंत्री
एवं विधायक गोविंदपुरा

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