यहां याद दिला दें कि विधानसभा चुनाव में भोपाल उत्तर से आरिफ बेग को टिकट दिलाने व उनके चुनाव संचालन की जिम्मेदारी खुद आलोक शर्मा ने निभाई थी। उस वक्त श्री बेग श्री शर्मा को अपना सबसे बड़ा हितैषी और आम लोगों पर पकड़ वाला नेता मानते थे। चुनाव हारने के बाद वयोवृद्ध राजनेता श्री बेग का कहना था कि भाजपा जिला अध्यक्ष ने रमेश शर्मा गुट्टू, रामेश्वर शर्मा को भी चुनाव हराया था। जिला अध्यक्ष ने खुलकर भितरघात की जिसका परिणाम है कि कोई भी प्रत्याशी आरिफ अकील के मुकाबले चुनाव नहीं जीत पाता। श्री बेग से जब यह पूछा गया कि जिला अध्यक्ष खुद भी तो चुनाव हार चुके हैं तो उनका जवाब था कि जो कार्यकर्ताओं को दबा कर रखता है और जिसे कोई पसंद नहीं करता वह खुद भी चुनाव नहीं जीतता।
उनका आरोप था कि भाजपा जिला अध्यक्ष मुख्यमंत्री से अपनी नजदीकी का बेजा इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने किसी भी मंडल में श्री बेग को सभा भी नहीं करने दी। श्री बेग से जब यह जानना चाहा कि क्या उन्होंने संगठन से कोई शिकायत की है तो उनका कहना था कि वे पचास साल से राजनैतिक जीवन में हैं और उन्होंने कभी भी कोई शिकायत नहीं की।
अब समीकरण बदल गए हैं। आलोक शर्मा को आरिफ बेग के समर्थन की जरूरत है। देखना रोचक होगा कि क्या आरिफ बेग सबकुछ भुलाकर आलोक को वोट दिलवाएंगे या अपने चुनाव का बदला पूरा करेंगे।